उन्होंने एक्स पर लिखा, असम समझौता एक ऐतिहासिक समझौता था। इसने वर्षों के राजनीतिक आंदोलन के बाद राज्य में शांति स्थापित की। उस अवधि के दौरान प्रधानमंत्री राजीव गांधी राजनीतिक मतभेदों के बावजूद छात्र नेताओं से बातचीत करते थे। आज परिदृश्य अलग है। भाजपा प्रदर्शनकारियों को राष्ट्र विरोधी और खालिस्तानी कहती है। या मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ऐसा दिखावा करते हैं, जैसे राज्य का अस्तित्व ही नहीं है।

संविधान पीठ ने चार-एक के बहुमत से यह फैसला सुनाया

सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण ऐतिहासिक फैसले में असम में बांगलादेश से आए प्रवासियों को नागरिकता देने के प्रविधान करने वाली नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए को वैध और संवैधानिक ठहराया है। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने चार-एक के बहुमत से यह फैसला सुनाया है।

यह धारा 1 जनवरी 1966 से 25 मार्च 1971 के बीच भारत में प्रवेश कर चुके और असम में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकृत कराने की अनुमति देती है। इसमें अधिकतर लोग बंगलादेश से भारत आकर असम में रहने वाले हैं।