आगरा
आगरा में स्कूली वाहनों में आपके नौनिहालों का सफर सुरक्षित नहीं है। आरटीओ से फिटनेस का प्रमाणपत्र लेकर सड़कों पर दौड़ रहीं 91 स्कूली बसें खतरनाक पाई गईं हैं। प्रवर्तन अधिकारी ने चेकिंग के दौरान इन गाड़ियों को अनफिट पाते हुए कार्रवाई की। इस पर आरटीओ ने संभागीय प्राविधिक निरीक्षकों से जवाब तलब किया है।
कोरोना संक्रमण के दौरान मार्च 2020 से ही गाड़ियों की फिटनेस की छूट देने के बाद जनवरी 2022 में आरटीओ से 1178 स्कूली वाहनों को फिटनेस कराने के लिए नोटिस भेजे थे। इसके बाद भी 500 से अधिक स्कूली बसों की फिटनेस नहीं हो सकी है। बड़ा खतरा उन स्कूली वाहनों से है, जिन्हें संभागीय परिवहन विभाग ने फिटनेस का प्रमाणपत्र तो जारी कर दिया मगर वह फिटनेस के मानक ही पूरे नहीं कर पा रहे हैं
एआरटीओ (प्रवर्तन) वंदना सिंह ने 22 से 28 अप्रैल तक चलाए गए अभियान के दौरान 108 स्कूली वाहनों की जांच की। इनमें 90 फीसदी बसें शामिल थीं। इन गाड़ियों में 91 ऐसी निकलीं, जिनकी फिटनेस आरटीओ से करवाई जा चुकी थी, लेकिन वह अनफिट थीं। किसी में खिड़कियों पर लोहे की रॉड नहीं थीं, किसी का साइड मिरर तो किसी में कुछ और गड़बड़ी मिली। एआरटीओ ने आरटीओ को फिटनेस के बाद भी खटारा पाईं गईं इन गाड़ियों की सूची स्कूलों की लिस्ट के साथ भेजी है। इस पर एआरटीओ प्रशासन अनिल कुमार सिंह ने संभागीय निरीक्षकों से जवाब-तलब किया है। वाहन-4 साफ्टवेयर के अनुसार ज्यादातर की फिटनेस हो चुकी है।
वाहनों की फिटनेस अब एप के माध्यम से हो रही है। इसमें वाहन स्वामी को वाहन लेकर आना होता है। फिटनेस के दौरान साइड मिरर, स्पीड गवर्नर, मेडिकल किट समेत जरूरी उपकरणों को देखा जाता है, जो कमी होती हैं, उन्हें दूर कराया जाता है। इसके बाद गाड़ी के विभिन्न एंगल से फोटो परिवहन विभाग के एप पर अपलोड किए जाते हैं। इसके बाद वाहन 4 साफ्टवेयर पर गाड़ी के फिटनेस का प्रमाणपत्र लेकर दिया जाता है। इसके बाद भी अभी तक गाड़ियों की फिटनेस मशीनों के द्वारा नहीं होती है। आरआई जो खामियां बताते हैं, वह दूर करने के बाद फिटनेस पास की जाती है।