आगरा
पुलिस हिरासत में सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि की मौत के मामले में पुलिस को क्लीनचिट मिल गई है। विवेचक को पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला। न तो मुकदमे में शामिल अज्ञात पुलिसकर्मियों के नाम खुल सके और न ही हिरासत में सफाईकर्मी से मारपीट के भी पुलिस साक्ष्य नहीं ढूंढ़ सकी। कासगंज के विवेचक ने मुकदमे में एफआर लगा दी है।
जगदीशपुरा थाने के मालखाने में रखे बक्से से 25 लाख रुपये चोरी का मामला 17 अक्टूबर को सामने आया था। इसके बाद इस मामले में अज्ञात चोरों के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने शक के आधार पर 19 अक्टूबर की दोपहर थाने के अस्थाई सफाईकर्मी लोहामंडी के पुल छिंगामोदी निवासी अरुण वाल्मीकि को हिरासत में लिया था। अवधपुरी पुलिस चौकी पर उससे पूछताछ की गई थी। 20 अक्टूबर की सुबह अचानक अरुण की तबियत बिगड़ी थी। पुलिसकर्मी उसे एसएन मेडिकल कालेज लेकर गए थे। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का का कारण हार्ट अटैक से बताया था।
पोस्टमार्टम में अरुण के नितंबों पर चोट के निशान थे। हिरासत में मौत के मामले में तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी ने इंस्पेक्टर क्रिमनल इंटेलीजेंस विंग आनंद साही, एसआइ योगेंद्र कुमार, सिपाही महेंद्र, सत्यम और रुपेश को निलंबित किया था। स्वजन की तहरीर पर अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखा गया था। हिरासत में मौत के मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने अलीगढ़ रेंज ट्रांसफर की थी। आइजी अलीगढ़ ने विवेचना कासगंज जिले स्थानांतरित की थी। इसके बाद एसपी कासगंज बोत्रे रोहन प्रमोद ने विवेचना तत्कालीन इंस्पेक्टर ढोलना ओमप्रकाश सिंह को दी थी। विवेचक ओमप्रकाश सिंह ने अरुण के स्वजन के बयान दर्ज किए थे। स्वजन ने शपथपत्र दिए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर विशेषज्ञों की राय ली गई। उन्होंने यह बताया कि मौत हार्ट अटैक से हुई है। अरुण के शरीर पर ऐसी कोई चोट नहीं थी जिससे मृत्यु कारित हो सके। साक्ष्यों के आधार पर विवेचक ने मुकदमे में अंतिम रिपेार्ट लगाई। जांच में विवेचक को अरुण की हत्या के कोई साक्ष्य नहीं मिले। पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट किए जाने के भी कोई साक्ष्य नहीं मिले। एसपी कासगंज बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि विवेचक ने साक्ष्यों के आधार पर मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगाई है। अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई है।
जगदीशपुरा थाने के मालखाने से चोरी के मामले में दर्ज हुए मुकदमे की अभी विवेचना चल रही है।पुलिस का दावा था कि अरुण वाल्मीकि ने पूछताछ में मालखाने से चोरी करना स्वीकार किया था। उसकी निशानदेही पर 15 लाख रुपये बरामद भी हुए थे। शेष बरामदगी के प्रयास जारी थे। अरुण की मौत के बाद आगे बरामदगी नहीं हो सकी। अरुण के साथ चोरी में और किसी के शामिल होने की जानकारी नहीं मिली थी। अभी तक किसी अन्य का नाम प्रकाश में नहीं आया है। मगर, मुकदमे की विवेचना पूरी नहीं हो सकी है।