आगरा
ताजनगरी में शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आगरा में लंगड़े की चौकी के प्राचीन मंदिर में विराजमान हनुमान जी दुखियों को बांटते हैं खुशियों के मोती, आते है लोग खाली हाथ, ले जाते हैं भर कर झोली। सभी को देते हैं असीमित सुख, शांति और वैभव।
हनुमान बाबा के चरणों में विनती लगाने या अपने मनोरथ पूरे होने पर कृतज्ञता अर्पित करने के लिए फूल बंगला सजवाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। दो साल तक के फूलबंगला मंदिर में बुक रहते हैं। फूलबंगला सजवाने वाले ये श्रद्धालु आगरा शहर के अलावा मुम्बई, दिल्ली, अहमदाबाद आदि के हैं।
मंदिर महंत गोविंद उपाध्याय के अनुसार प्राचीन काल में जहां मंदिर है, यहां एक सरकारी चौकी हुआ करती थी। मालगोदाम और यमुना की ओर से जो बैलगाड़ी या अन्य वाहनों से सामान आता-जाता था, उन्हें रात में लालटेन जलाकर रास्ता दिखाने और कर वसूलने का काम होता था। जिसमें एक लंगड़ा चौकीदार तैनात था। वह भगवान श्रीराम का अनन्य भक्त था। वह श्रीराम की भक्ति में इतना लीन हो जाता था कि ड्यूटी करना याद नहीं रहता था। एक दिन वह अपनी ड्यूटी पर नहीं था, किसी ने उसकी शिकायत कर दी।
कोतवाल पता करने गया तो चौकीदार सिकंदरा के पास एक गांव में चल रही श्रीराम कथा में मौजूद था। वह वापस लंगड़े की चौकी वाले स्थान पर आया तो वहां भी वह चौकीदार मिल गया। एक समय में दो जगह चौकीदार के होने का चमत्कार देख कोतवाल चौंक गया। क्योंकि चौकीदार लंगड़ा था, इतनी जल्दी आना भी मुश्किल था। चौकीदार से पूछे जाने पर उसने बताया कि यहां हनुमान जी ड्यूटी कर रहे थे। इस चमत्कार के बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया। जिसका नाम लंगड़े चौकीदार के नाम पर रखा गया। इस क्षेत्र का नाम भी लंगड़े की चौकी ही पड़ गया।