आगरा
पिता ने बेटे को सुधरने का कई बार मौका दिया। उसे पैरों पर खड़ा करने के लिए कई बार व्यापार कराया। बेटे ने पिता के लाखों रुपये बर्बाद कर दिए। जो भी व्यापार किया उसे चौपट कर दिया। कई बार वादा करके भी बेटा नहीं सुधरा तो पिता ने उसके खिलाफ अदालत में मुकदमा पेश कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार सिंह ने परिवाद दर्ज करने के आदेश किए।
मूलरूप से मलपुरा के रहने वाले रामविलास वर्तमान में बैंक कालोनी शमसाबाद मार्ग पर अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। प्रस्तुत परिवाद के अनुसार वह लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त हैं। पुत्र संदीप कटारा बीएससी व होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद भी अपने कर्तव्यों और उत्तरदायित्व के प्रति गंभीर नहीं रहा। पैतृक गांव एकता चौकी क्षेत्र में उसकी टेंट की दुकान खुलवा दी। पुत्र ने गलत आदतों के चलते अपना व्यापार चाैपट कर दिया। आसपास के लोगों से लाखों रुपये का कर्ज भी ले लिया। तीन साल में ही टेंट का काम बंद कर दिया।
पिता का आरोप है कि विपक्षीगण ने धोखाधड़ी कर उनसे 50 हजार रुपये हड़प लिए। उसने पुत्र को मुश्किलों से बचाने के लिए अपना पैतृक मकान बेचकर उसका कर्जा चुकाया। पुत्र ने ढाबा खोलने के नाम पर छह लाख रुपये लेकर उसे भी बर्बाद कर दिया। इसके बाद पुत्र ने सुधरने का वादा करके जून 2021 में उनसे दोबारा छह लाख रुपये लिए। इटौरा में कपड़े की दुकान खोली, लेकिन बुरी अादतों के चलते एक वर्ष में ही उसे बंद कर दिया।
पिता के अनुसार पुत्र ने धोखाधड़ी से उनकी जानकारी के बिना एटीएम से 30 हजार रुपये निकाल लिए। इसके साथ ही मां की गिरवी रखी अंगूठी छुड़ाने को लिए नौ हजार रुपये भी अपने व्यसन में उड़ा दिए। रामविलास का आरोप है कि पुत्र ने अपनी मां, उनसे व छोटे भाई से भी मारपीट और अभद्रता की। बहू ने भी बेटे का साथ दिया। रामविलास ने अपने अधिवक्ता देवेंद्र सिंह के माध्यम से परिवाद प्रस्तुत किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार सिंह ने परिवाद दर्ज करने के आदेश किए। मामले में बयान के लिए 26 अप्रैल की तारीख नियत की है।