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12 बजे से शुरू होगी रियलमी स्मार्ट टीवी की पहली सेल, 12999 रु. शुरुआती कीमत; एक्सिस बैंक बज़ क्रेडिट कार्ड से खरीदी पर 10%...
रियलमी की पहली स्मार्ट टीवी आज 12 बजे से बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। रियलमी स्मार्ट टीवी दो स्क्रीन साइज 32 इंच और 43 इंच ऑप्शन में उपलब्ध है। इसकी शुरुआती कीमत 12999 रुपए है। इसे फ्लिपकार्ट समेत रियलमी की ऑफिशियल साइट और ऑफलाइन रिटेल स्टोर से खरीदा जा सकेगा। फिलहाल इसे देशभर के कंटेनमेंट जोनमें डिलिवर नहीं किया जाएगा। इसे 25 मई को भारतीय बाजार में लॉन्च किया गया था।
रियलमी स्मार्ट टीवी: कीमत और ऑफर
- रियलमी स्मार्ट टीवी दो स्क्रीन साइज ऑप्शन में उपलब्ध है। इसके 32 इंच मॉडल की कीमत 12999 रुपए जबकि 43 इंच मॉडल की कीमत 21999 रुपए है।
- ऑफर के तहत एक्सिस बैंक बज़ क्रेडिटकार्ड से खरीदी करने पर 10 फीसदी का इंस्टेंट डिस्काउंट दिया जाएगा।
- इसके अलावा नो-ईएमआई कॉस्ट और स्टैंडर्ड ईएमआई ऑप्शन की सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है।
- साथ ही 31 जुलाई से पहले टीवी खरीदने वाला ग्राहकों को 6 महीने का यूट्यूब प्रीमियम सब्सक्रिप्शन भी दिया जा रहा है।
- रियलमी इंडिया की वेबसाइट पर रियलमी एक्सचेंज ऑफर पर दिया जा रहा है। वहीं टीवी पर 1+1 इयर वारंटी दी जा रही है, जिसमें से दूसरे साल की वारंटी सिर्फ स्क्रीन पर मिलेगी।
रियलमी स्मार्ट टीवी: बेसिक स्पेसिफिकेशन और फीचर्स
- रियलमी स्मार्ट टीवी के 32 इंच में 1366x768 पिक्सल रेजोल्यूशन (एचडी-रेडी) है जबकि 43 इंच के वैरिएंट में 1920x1080 पिक्सल (फुल-एचडी) रिज़ॉल्यूशन मिलेगा है। स्क्रीन साइज और पिक्सल रेजोल्यूशन के अलावा दोनों के सभी फीचर्स एक समान हैं।
- यह एंड्ऱयड टीवी 9 पाई ओएस पर काम करता है। इसमें गूगल प्ले स्टोर को एक्सेस किया जा सकता है। हालांकि इसमें नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो और यूट्यूब समेत कई प्री लोडेड ऐप्स मिलेंगे। इसमें गूगल असिस्टेंट और बिल्ट-इन क्रोमकास्ट सपोर्ट मिलता है।
- रियलमी स्मार्ट टीवी में 400 निट्स की पीक ब्राइटनेस समेत एचडीआर 10 सपोर्ट मिलता है। इसमें 1 जीबी रैम और ऐप्स के लिए 8 जीबी का स्टोरेज मिलता है। यह मीडियाटेक MSD6683 प्रोसेसर से लैस है। मीडियाटेक के प्रोसेसर स्मार्ट टेलीविज़न के लिए सबसे अच्छा माने जाते हैं।
- इसमें क्वाड स्पीकर्स सेटअप हैं, जो 24 वॉट का डोल्बी ऑडियो साउंड आउटपुट प्रोड्यूस करते हैं। इसमें दो फुल रेंज ड्राइवर्स और दो ट्विटर्स हैं। कनेक्टिविटी के लिए इसमें HDMI और ब्लूटूथ 5.0 सपोर्ट मिलता है।
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2 लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैप वाली दुनिया की पहली कंपनी बन सकती है ऐपल, चार साल में हासिल होगी यह उपलब्धि
सर्विसेज और वियरेबल्स कारोबार में ग्रोथके दम पर अमेरिकी टेक कंपनी ऐपल 2 लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन (एमकैप) वाली दुनिया की पहली कंपनी बन सकती है। मार्केट रिसर्च फर्म एवरकोर आईएसआई की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐपल अगले चार साल में यह उपलब्धि हासिल कर सकती है। ऐपल अमेरिकी का पहली ऐसी कंपनी थी जिसने 2018 में 1 लाख करोड़ डॉलर के एमकैप का आंकड़ा पार किया था।
चार साल में 100 बिलियन डॉलर का हो सकता है ऐपल का सर्विसेज कारोबार
एनालिस्ट अमित दरयानानी की रिपोर्ट के मुताबिक, एयरपॉड्स और ऐपल वॉच के विस्तार के दम पर अगले चार साल में ऐपल का वियरेबल्स कारोबार बढ़कर 60 बिलियन डॉलर हो सकता है। वहीं सर्विसेज कारोबार बढ़कर 100 बिलियन डॉलर का हो सकता है। एनालिस्टों को उम्मीद है कि ऐपल आक्रामक तरीके से स्टॉक का बायबैक करेगी। अभी कंपनी का एमकैप 1.4 लाख करोड़ डॉलर के करीब है।
शेयरों की संख्या में कटौती जारी रखेगी ऐपल
ऐनालिस्टों का कहना है कि इस अवधि में ऐपल अपने शेयरों में 1 बिलियन की कटौती कर सकतीहै। एनालिस्टों के मुताबिक, ऐपल वित्त वर्ष 2019 के 4.6 बिलियन के मुकाबले वित्त वर्ष 2024 में शेयरों की संख्या को कम करके 3.6 बिलियन पर ला सकतीहै। दरयानानी के मुताबिक, यदि ऐपल का स्टॉक प्राइस 550 डॉलर प्रति शेयर के पार चला जाता है तो इस शेयर संख्या के आधार पर कंपनी का एमकैप 2 लाख करोड़ डॉलर के पार चला जाएगा। अभी ऐपल का स्टॉक प्राइस 321.85 डॉलर प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है।
सर्विसेज सेक्टर स्थापित करेगा नया ट्रेंड
रिपोर्ट में कहा गया है कि सप्लाई और मांग में अनिश्चितता के कारण आईफोन की बिक्री घटी है। वहीं सर्विसेज सेगमेंट ऐपल के लिए नए ट्रेंड स्थापित कर रहा है। इस साल की मार्च तिमाही में ऐपल के सर्विसेज सेक्टर में वार्षिक आधार पर 17 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है। इस अवधि में सर्विसेज सेक्टर से ऐपल को 13.3 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू मिला है। कंपनी ने अपनी सर्विसेज कैटेगिरी में ऐप स्टोर, ऐपल म्यूजिक, ऐपल वीडियो, ऐपल क्लाउड सर्विसेज, ऐपलकेयर, ऐपल टीवी प्लस, ऐपल आर्केड, ऐपल न्यूज प्लस और ऐपल कार्ड में नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं।
ऐपल टीवी प्लस और ऐपल न्यूज प्लस में लगातार बढ़ रहे यूज
ऐपल के सीएफओ लूका मैस्त्री के मुताबिक, नई सेवाओं जैसे ऐपल टीवी प्लस, ऐपल आर्केड, ऐपल न्यूज प्लस और ऐपल कार्ड से लगातार नए यूजर जुड़ रहे हैं। ऐपल के प्लेटफॉर्म्स पर अब करीब 515 मिलियन पेड सब्सक्रिप्शन हैं। इनकी संख्या एक साल पहले 125 मिलियन थी। वियरेबल्स, होम एंड एसेसरीज सेगमेंट ने भी मार्च तिमाही में रिकॉर्ड बनाते हुए 6.3 मिलियन का राजस्व जुटाया हैऔर वार्षिक आधार पर इसमें 23 फीसदी की ग्रोथ रही है।
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BHIM ऐप भी असुरक्षित! लीक हो चुका है 72.6 लाख यूजर्स का डेटा, अकाउंट तक पहुंच सकते हैं हैकर्स
सुरक्षा शोधकर्ताओं ने बताया कि मोबाइल भुगतान ऐप BHIM के लगभगलगभग 72.6 लाखयूजर्स का डेटा एक वेबसाइट द्वारा उजागर कर दिया गया था। VPN रिव्यू वेबसाइट vpnMentor की रिपोर्ट में कहा गया है कि उजागर किए गए डेटा में कई संवेदनशील जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, उम्र, लिंग, घर का पता, जाति की स्थिति और आधार कार्ड का विवरण आदि जैसी शामिल हैं।
रविवार को एक ब्लॉग पोस्ट में vpnMentor के सुरक्षा शोधकर्ताओं ने लिखा, "उजागर किए गए डेटा का पैमाना असाधारण है। यह पूरे भारत में लाखों लोगों को प्रभावित करता सकता है। इसका फायदा उठाकर हैकर्स और साइबर अपराधीधोखाधड़ी, चोरी, और हमले को भी अंजाम दे सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने डेवलपर्स से दो बार संपर्क कर जानकारी दी
- हालांकि इस खामी पर उस समय काबू पाया गया जब शोधकर्ताओं ने भारत के कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) को एक महीने में दो बार संपर्क कर इसकी जानकारी दी। जिसकी बाद पिछले महीने यह उल्लंघन बंद कर दिया गया था। BHIM वेबसाइट को CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड नामक कंपनी ने भारत सरकार के साथ साझेदारी में डेवलप किया है।
- शोधकर्ताओं ने कहा, "इस मामले में, डेटा एक असुरक्षित अमेज़न वेब सर्विसेस (AWS) S3 बकेट में स्टोर किया गया था। शोधकर्ताओं ने कहा कि S3 बकेट दुनिया भर में क्लाउड स्टोरेज का एक लोकप्रिय रूप है, लेकिन सुरक्षा प्रोटोकॉल स्थापित करने के लिए डेवलपर्स को उनके अकाउंट की आवश्यकता होती है।
- उन्होंने कहा कि "हम वेबसाइट डेवलपर्स के पास उनकी S3 बकेट में गलत कॉन्फ़िगरेशन की सूचना देने और अपनी सहायता प्रदान करने के लिए पहुंचे। जवाब न मिलने के बाद हमने भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) से संपर्क किया, जो देश में साइबर सिक्योरिटी से संबंधित है, "।
उजागर किया गया डेटा 409GB का था
- vpnMentor के नोआम रोटेम और रान लोकार की अगुवाई में किए गए शोध में सामने आया कि CSC ने देशभर में BHIM उपयोग को बढ़ावा देने के लिए गलत S3 बकेट से जुड़ी वेबसाइट की स्थापना की और नए व्यापारी व्यवसायों, जैसे मैकेनिक, किसान, सेवा प्रदाता और ऐप पर स्टोर मालिकों को साइन अप किया। उजागर हुए डेटा जिसे पहली बार 23 अप्रैल को सुरक्षा शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया था की मात्रा वॉल्यूम 409GB थी।
- रिपोर्ट में कहा गया है, "ठीक-ठीक कहना मुश्किल है, लेकिन S3 बकेट में छोटी अवधि (फरवरी 2019) से रिकॉर्ड दर्ज थे। हालांकि, इतने कम समय के भीतर, 70 लाख से अधिक रिकॉर्ड अपलोड और उजागर किए गए थे।
2016 में लॉन्च हुआ था BHIM ऐप
- BHIM उपयोगकर्ता डेटा का उजागर होने से कोई भी हैकर बैंक के संपूर्ण डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच बना सकता है, साथ ही इसके लाखों उपयोगकर्ताओं की खाता जानकारी भी ले सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) द्वारा पेश किया गया, ऐप BHIM या भारत इंटरफेस फॉर मनी 2016 में लॉन्च किया गया था।
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लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद हुंडई ने कुल 12583 और महिंद्रा ने 9560 वाहन बेचे, एमजी मोटर्स की सिर्फ 710 कारें बिकीं
अप्रैल माह में शून्य बिक्री दर्ज कराने के बाद हुंडई, महिंद्रा और एमजी मोटर्स ने मई 2020 में हुई बिक्री के आंकड़े जारी किए। रिपोर्ट के मुताबिक हुंडई ने मई में कुल 12583 कारों की बिक्री की, जिसमें घरेलू बाजार में बिकने वाली 6,883 कारें शामिल हैं, जबकि बाकी 5,700 इकाइयों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में निर्यात किया गया। वहीं महिंद्रा की ओवरऑल बिक्री की बात करें तो मई में कंपनी ने कुल 9,560 वाहन बेचे जबकि पिछले साल इसी महीने महिंद्रा ने 45,421 वाहनों की बिक्री की थी। जबकि सप्लाई चेन बाधित होने के बावजूद एमजी ने मोटर मई 2020 में 710 वाहनों की बिक्री दर्ज की है।
हुंडई मोटर्स
- हुंडई मोटर इंडिया ने बताया कि देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद कंपनी ने मई 2020 तक कुल 12,583 कारों की बिक्री करने में सफल रही। लॉकडाउन के कारण हुंडई की उत्पादन सुविधाएं और शोरूम बंद हो गए लेकिन सरकार द्वारा दी गई छूट के साथ, हुंडई ने उत्पादन शुरू कर दिया और अब देश भर में कई शोरूम शुरू हो चुके हैं। अत्यधिक लोकप्रिय नई-जनरेशन क्रेटा, वरना फेसलिफ्ट, वेन्यू और ग्रैंड आई 10 निओस सबसे ज्यादा पसंद की गई।
- रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कुल 12,583 कारों की बिक्री की, जिसमें घरेलू बाजार में बिकने वाली 6,883 कारें शामिल हैं, जबकि बाकी 5,700 इकाइयों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में निर्यात किया गया था। हालांकि हुंडई ने पिछले साल के इसी महीने में अकेले घरेलू बाजार में 42,502 कारें बेचने में सफल रही। इसका मतलब है कि कार निर्माता को 35,619 इकाइयों द्वारा बिक्री में एक YoY गिरावट का सामना करना पड़ा। हुंडई ने यह भी खुलासा किया है कि नए लॉन्च किए गए दूसरे-जेन क्रेटा को एक जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, जिसके लॉन्च के बाद से एसयूवी के लिए 24,000 के करीब बुकिंग हुई है।
- कंपनी वर्तमान में भारतीय बाजार में 11 उत्पाद पेश करता है, जिसमें चार हैचबैक शामिल हैं - सैंट्रो, ग्रैंड आई 10, ग्रैंड आई 10 निओस और एलीट आई 20; तीन सेडान - ऑरा, वरना और एलांट्रा; और चार एसयूवी - वेन्यू, क्रेटा, टक्सन और कोना इलेक्ट्रिक ईवी शामिल हैं। कुल मिलाकर, हुंडई मोटर इंडिया ने अपनी पूरी लाइन-अप में 15,000 ग्राहक बुकिंग प्राप्त की, जबकि कार निर्माता मई 2020 में 11,000 नई कारों को ग्राहकों तक पहुंचाने में सफल रहा।
महिंद्रा एंड महिंद्रा
- महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड की ओवरऑल बिक्री (घरेलू + निर्यात) की बात करें तो कंपनी ने मई 2020 में कुल 9,560 वाहन बेचे जबकि पिछले साल इसी महीने कंपनी ने 45,421 वाहनों की बिक्री की थी।
- पैसेंजर व्हीकल्स सेगमेंट (जिसमें यूवी, कार और वैन शामिल हैं) में, महिंद्रा ने मई 2020 में 3,867 वाहन बेचे, जबकि मई 2019 में कंपनी ने कुल 20,608 वाहन बेचे थे।
- कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में महिंद्रा ने मई 2020 में 5,170 वाहन बेचे, जबकि मई 2019 में यह आंकड़ा 17,879 वाहन का था। मई 2020 में 484 वाहन निर्यात किए गए।
एमजी मोटर्स
- सप्लाई चेन बाधित होने के बावजूद एमजी मोटर इंडिया ने मई 2020 में 710 वाहनों की बिक्री दर्ज की है। कंपनी ने अपने हलोल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में लगभग 30 प्रतिशत क्षमता उपयोग के साथ उत्पादन शुरू किया है। कंपनी ने कहा था कि देशभर में 65 फीसदी शोरूम और सर्विस स्टेशन कम मैनपावर के साथ चालू हैं।
- बिक्री के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, एमजी मोटर इंडिया के निदेशक - बिक्री, राकेश सिडाना ने कहा, "लॉकडाउन के कारण कुछ डीलरशिप के संचालन, सख्त क्रेडिट फाइनेंसिंग और सप्लाई चेन बाधित होने से मई में हमारी बिक्री को प्रभावित हुई है। उत्पादन हानि के बावजूद, हमारे फ्रंट-एंड रिटेल ऑपरेशन सामान्य कर्मचारियों की ताकत के साथ काम करना जारी रखते हैं। साथ ही हम अपने ग्राहकों के साथ जुड़े रहते हैं जो हेक्टर की डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं और जून में आपूर्ति श्रृंखला सुधार के साथ डिलीवरी को प्राथमिकता देना जारी रखते हैं। जुलाई के बाद से सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हमारे सभी वाहनों के स्टॉक चैनलों और डीलरशिप इन्वेंट्री में BS6 इकाइयां हैं। "
- अपने 'फेज 2' विस्तार योजना के हिस्से के रूप में, कार निर्माता जून 2020 से पुणे, सूरत, कोचीन, चंडीगढ़, जयपुर और चेन्नई सहित छह नए शहरों में ZS EV की शुरुआत कर रहा है; भारत में 11 बाजारों में शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहन की उपस्थिति का विस्तार।
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AI तकनीक से लैस है डेल Latitude 9510 लैपटॉप, कंपनी का दावा- 34 घंटे बैटरी लाइफ वाला पहला 15 इंच बिजनेस पीसी
डेल टेक्नोलॉजी ने प्रीमियम कमर्शियल पीसी Latitude 9510 को भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। इस लैपटॉप की खास बात यह है कि ये पूरी तरह से AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) तकनीक से लैस है। इसकी शुरुआती कीमत 1.49 लाख रुपए है। मल्टी टास्किंग को और फास्ट बनाने के लिए इसमें Dell Optimizer सॉफ्टवेयर दिया गया है। कंपनी के दावा है कि इस लैपटॉप में 34 घंटे का बैटरी लाइफ मिलती है, जो अन्य किसी भी 15 इंच बिजनेस PC की तुलना में सबसे ज्यादा है।
दो वैरिएंट मिलेंगे
Latitude 9510 दो वैरिएंट्स 2-इन-1 कन्वर्टेबल और क्लैमशेल में लॉन्च किया गया है। यह 5G रेडी डिजाइन और पावरफुल ऑडियो फीचर्स से लैस है। इसके अलावा इसमें इंटेलीजेंट सॉल्यूशन्स दिए गए हैं, जो प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मदद करेगा।
इंटेलीजेंट फीचर्स से लैस है पीसी
यह पहला ऐसा पीसी है जो 10th Gen Intel vPro प्रोसेसर के साथ आता है। इसमें मशीन अल्युमीनियम फिनिश डिजाइन के साथ डायमंड कट एज दिया गए हैं। यह लैपटॉप 5G रेडी, वाई-फाई 6 जैसे कनेक्टिविटी फीचर्स के साथ आता है। इसमें इनबिल्ट मोबाइल ब्रॉडबैंड कैपेबिलिटीज दी गई है, जिसकी मदद से यूजर्स इसके कहीं से भी इंटरनेट से कनेक्ट कर सकते हैं। इसमें हीट को एब्जॉर्ब करने के लिए ड्यूल हीट पाइप्स दिए गए हैं, जो कूल टू टच एक्सपीरियंस देता है। हार्डवेयर कॉन्फिगरेशन की बात करें तो ये 8GB रैम, Core i5, 256SSD, 88Whr बैटरी और FHD नॉन टच डिस्प्ले के साथ आता है। सिक्युरिटी के लिए इसमें टच लेस फेस अनलॉक फीचर दिया गया है। इसमें इनबिल्ट मोबाइल ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी के लिए e-SIM फीचर भी दिया गया है।
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प्ले स्टोर पर पॉपुलर हुआ फोन से चीनी ऐप हटाने वाला Remove China Apps, 17 मई से अबतक 10 लाख से ज्यादा लोगों ने...
रिमूव चाइना ऐप्स, एक एंड्रॉयड ऐप जो एंड्रॉयड फोन से चीन निर्मित ऐप्स को पहचानने और उन्हें हटाने का दावा करता है। यह भारत में काफी वायरल हो रहा है। ऐप वर्तमान में गूगल प्ले स्टोर की टॉप फ्री ऐप की सूची में सबसे ऊपर है। 17 मई को लॉन्च हुए इस ऐप को अबतक 10 लाख से अधिक यूजर्स डाउनलोड कर चुके हैं। यह ऐसे समय सुर्खियों में आया जब देश में चीन विरोधी भावना अपने चरम पर क्योंकि एक तरफ चीन पर कोरोनोवायरस फैलाने का आरोप है तो दूसरी तरफ भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ रहा है। इसी भावना के चलते टिकटॉक के विकल्प के तौर पर मित्रों ऐप भी पॉपुलर हो गया था।
क्या है रिमूव चाइना ऐप्स?
- रिमूव चाइना ऐप्स के निर्माता दावा करते हैं कि ऐप "शैक्षिक उद्देश्यों के लिए विकसित किया गया है" और यह यूजर्स को अपने एंड्रॉयड फोन पर इंस्टॉल ऐप्स किस देश में बने हैं यह पहचान करने की अनुमति देता है। हालांकि, जैसा कि नाम से पता चलता है, यह केवल उन ऐप्स की पहचान करता है जो चीनी कंपनियों द्वारा विकसित किए गए हैं और यूजर्स यदि चाहें तो रिमूव चाइना ऐप के माध्यम से उन्हें अन-इंस्टॉल भी कर सकते हैं।
- यह ऐप 17 मई को गूगल प्ले स्टोर पर लाइव हो गया था और इसके लॉन्च के बाद से अबतक इसे 10 लाख से अधिक यूजर्स द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है। ऐप को काफी हद तक गूगल प्ले स्टोर पर 4.8 रेटिंग के साथ सकारात्मक समीक्षा मिली है।
रिमूव चाइना ऐप्स : इसका क्या मतलब है?
- रिमूव चाइना ऐप्स गूगल प्ले स्टोप पर डाउनलोडिंग के लिए फ्री में उपलब्ध है। एप्लिकेशन को किसी फंक्शन के लिए लॉगिन की आवश्यकता नहीं होती है और यूजर्स अपने एंड्रॉयड फोन पर चीनी ऐप्स की पहचान करने के लिए "स्कैन" का चयन कर सकते हैं।
- विशेष रूप से, रिमूव चाइना ऐप केवल गूगल प्ले स्टोर या अन्य थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर द्वारा फोन में इंस्टॉल किए गए एप्लिकेशन का पता लगाता है, न कि चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं द्वारा फोन में दिए गए प्री-इंस्टॉल ऐप्स की पहचान करता है।
- इसके अलावा, रिमूव चाइना ऐप्स को वनटच ऐपलैब्स द्वारा डेवलप किया गया है, यह केवल गूगल प्ले स्टोर पर लिस्टेड है। वनटच ऐपलैब्स का दावा है कि कंपनी जयपुर में स्थित है और डोमेन ऑनरशिप साइट के मुताबिक यह वेबसाइट 8 मई को बनाई गई थी। वनटच ऐपलैब्स वेबसाइट यह भी बताती है कि कंपनी एंड्ऱॉयड और आईओएस ऐप डेवलपमेंट और हाइब्रिड ऐप डेवलपमेंट में सेवाएं प्रदान करती है।
रिमूव चाइना ऐप्स क्यों इतना लोकप्रिय हो रहा है?
- देश में जब चीन विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं, उस समय रिमूव चाइना ऐप्स को व्यापक रूप से डाउनलोड किया जा रहा है। इस भावना को कई विवादों जैसे कि YouTube बनाम TikTok, भारत-चीन सीमा विवाद, और देश में चल रही कोडिव-19 महामारी द्वारा फैलाया गया है। विशेष रूप से, एक सर्वे ने हाल ही में संकेत दिया कि 67 प्रतिशत भारतीय कोविड-19 महामारी के प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हैं।
- इसलिए, इन विवादों के कारण, कई भारतीय अब चीनी उत्पादों और फोन ऐप के विकल्प की तलाश कर रहे हैं। हाल ही में गूगल प्ले स्टोर पर Mitron नामक एक अन्य ऐप ने 50 लाख से अधिक डाउनलोड को पार कर लिया है, कई लोगों का मानना है कि चीन के टिकटॉक के लिए भारत की प्रतिक्रिया है, हालांकि हाल ही में आई एक रिपोर्ट में संकेत दिया गया था कि मित्रों ऐप का सोर्स कोड एक पाकिस्तानी फर्म से खरीदा गया है।
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