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आइपीएल मैचों पर लग रहा करोड़ों का सट्टा, आगरा से संचालित हो रहा सिंडिकेट, कानपुर में नौ गिरफ्तार

आगरा

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कानपुर के गोविंद नगर में रविवार को पुलिस टीमों ने छापा मारकर आनलाइन सट्टा लगवाने वाले नौ सट्टेबाजों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास 45 लाख रुपये और लैपटाप बरामद हुए हैं। कानपुर पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में इस गैंग का सरगना का आगरा के होने की जानकारी मिली है। वेब साइट की लागिन आइडी और पासवर्ड उसी ने कानपुर में बेचा था। पुलिस अब आगरा के सरगना के बारे में जानकारी जुटा रही है।

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कानपुर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा के निर्देश पर पुलिस टीमों ने शनिवार देर रात गोविंद नगर के ब्लाक तीन में एक घर में दबिश दी। वहां आइपीएल मैच पर सट्टा लगवाया जा रहा था। सट्टेबाजों ने भागने का प्रयास किया, जिसमें नौ को गिरफ्तार कर लिया गया। मौके से 45.30 लाख रुपये, दो टैबलेट, दो नोटपैड और 27 मोबाइल फोन के अलावा हिसाब-किताब का रजिस्टर मिला। सट्टेबाजी का यह खेल प्रोबेट डाट काम नाम से संचालित वेबसाइट की आइडी खरीदकर खेला जा रहा था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरोह के तार आगरा से जुड़े हैं। कानपुर निवासी अभिषेक उर्फ पियूष ने आगरा के सरगना से वेब साइट की फ्रेंचाइजी ली थी। पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि सट्टा लगवाने वाली वेब साइट का मालिक आगरा का है। वह सट्टे का पूरा सिंडिकेट चला रहा है। रुपये लेकर फ्रेंचाइजी अलग-अलग शहरों में देता है। फ्रेंचाइजी को वह वेब साइट का लागिन आइडी और पासवर्ड दे देता है। पुलिस अब आगरा निवासी सरगना के बारे में जानकारी जुटा रही है।

-अभिषेक सिंह उर्फ पीयूष, निवासी स्वराज नगर, पनकी

-अविनाश सिंह निवासी स्वराज नगर, पनकी

-दीपक कुमार निवासी ग्राम सुब्बाखेड़ा, पोस्ट बनिगांव, जिला उन्नाव

-संजय भारती, निवासी किदवई नगर लेबर कालोनी

-प्रकाश श्रीवास्तव, निवासी गोपाल नगर, यशोदा नगर

-अमित सागर, निवासी बाबूपुरवा कालोनी, किदवई नगर

-केतन अग्रवाल, निवासी साइट नंबर 2, किदवई नगर

लोकेश, निवासी ब्लाक तीन, गोविंद नगर

-आनंद यादव, निवासी गोपाल नगर

पुलिस आयुक्त ने बताया कि गिरोह के सदस्यों से आठ मोबाइल नंबर मिले हैं। इनकी काल डिटेल रिपोर्ट निकलवाई जा रही है। इससे गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों के बारे में तमाम बड़ी जानकारियां सामने आएंगी।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि गिरोह फर्जी आइडी से प्री एक्टीवेटेड सिमों का प्रयोग कर रहा था। जो 27 मोबाइल मिले हैं, उनमें 35 सिम लगे हुए हैं।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि एसआइटी का नेतृत्व डीसीपी सलमान ताज पाटिल करेंगे, जिसमें तीन विवेचक शामिल होंगे। एसआइटी गिरोह से जुड़े लोगों के अलावा गिरोह कैसे काम करता है, इस पर ही अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट देगी।

आगरा में सट्टेबाजों का बड़ा नेटवर्क है। चार वर्ष पहले तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक ने आगरा के सबसे बड़े बुकी श्याम बोहरा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। इसके बाद शहर के सभी सटोरियों की सूची बनाई गई थी। इसके बाद कई बार सटोरियों को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने को अभियान चलाए गए। मगर,कई बड़े बुकी अभी तक जेल नहीं गए। पुलिस का दबाव बढ़ने पर ये स्थान बदल लेते हैं। कुछ दिन बाद पुलिस शांत हो जाती है। इसके बाद फिर ये शहर में आकर सट्टा कराते हैं।

 

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