आगरा
आज फुलेरा दूज है। ब्रज के मंदिरों में आज विशेष होली खेली जाएगी। वृंदावन के राधा-कृष्ण मंदिरों में फूलों से होली खेली जाएगी। भक्तों पर फूलों की पंखुड़ियों को बरसाया जाएगा। आनंद, प्रेम और भक्ति का अनूठा संगम आज के दिन ब्रजधाम में होगा। यूं तो राधा मोहन के प्रेम का प्रतीक का फाल्गुन को पूरा माह। लेकिन इस माह की द्वितीया जिसे फुलेरा दूज कहते हैं, का विशेष महत्व माना गया है। विवाह के अबूझ साहलग में भी इस दिन को शामिल किया जाता है। इसके अलावा इस वर्ष आज के दिन विशेष योग भी बन रहा है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार फुलेरा दूज के दिन शुभ योग बन रहा है। फुलेरा दूज को पूरे दिन शुभ योग है वहीं रात में सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। फुलेरा दूज को ब्रज में होली का विधिवत आरंभ माना जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण काफी दिनों तक राधारानी से मिल नहीं पाए। इस वजह से राधारानी उनसे रूठ गईं। राधारानी के साथ उनकी सखियां गोपियां भी श्रीकृष्ण से नाराज हो गईं। राधाजी को प्रकृति का प्रतीक माना जाता है। उनके रूठने से फूल, पेड़, पौधे सब मुरझाने लगे। भगवान श्रीकृष्ण तो अंतर्यामी थे। उनको प्रकृति की दशा देखकर के राधाजी और गोपियों की दशा के बारे में पता चल गया। वे जान गए कि वे सभी उन से नाराज हो गए हैं। एक दिन भगवान श्रीकृष्ण राधाजी से मिलने बरसाना पहुंच गए। श्रीकृष्ण से मिलकर राधारानी और गोपियां प्रसन्न हो गईं। चारों ओर फिर से प्रकृति में हरियाली छा गई। श्रीकृष्ण ने एक फूल तोड़कर राधाजी पर फेंक दिया। तब राधारानी ने भी एक फूल तोड़ा और श्रीकृष्ण पर फेंक दिया। यह देखकर गोपियां भी फूल तोड़ने लगीं और एक दूसरे पर फूल फेंकने लगीं। इस तरह से उस दिन फूलों की होली शुरु हो गई। उस दिन फाल्गुन शुक्ल द्वितीया तिथि थी। उस दिन के बाद से हर साल फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को फूलों की होली खेली जाने लगी। यह दिन फुलेरा दूज के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
Holi 2022: आज है फुलेरा दूज, जब श्रीकृष्ण ने मनाया रूठी राधा को तो मानी गई ब्रज में होली की शुरूआत
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