आगरा
उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्रों का अंतिम निर्धारण हो चुका है। इस बार जिले में 180 केंद्रों पर बोर्ड परीक्षा होगी, जो पिछले बार की तुलना में अधिक हैं।जबकि इस बार पिछली बार की तुलना में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या 4085 घटी है।
वर्ष 2022 की परीक्षा की बात करें, तो यूपी बोर्ड ने आनलाइन सूचनाओं के आधार पर जिले के छह राजकीय, 77 सहायता प्राप्त और 97 वित्तविहीन विद्यालयों को पहले चरण में परीक्षा केंद्र बनाया था। जिला स्तर पर प्राप्त 297 आपत्तियों ने निस्तारण में जिला समिति ने सात वित्तविहीन विद्यालयों के नाम एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर काटते हुए सात अन्य सहायता प्राप्त विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बना दिया। इस तरह जिले में परीक्षा केंद्रों की संख्या तो 180 ही है, लेकिन अब छह राजकीय, 84 सहायता प्राप्त और 90 वित्तविहीन विद्यालय केंद्र बनाए गए हैं। इन पर इस वर्ष 117623 विद्यार्थी परीक्षा देंगे। इनमें हाईस्कूल के 65369 और इंटर के 52254 विद्यार्थी हैं।
हालांकि कोरोना के कारण वर्ष 2021 की बोर्ड परीक्षा नहीं हो पाई और बोर्ड ने बिना परीक्षा कराए ही विशेष फार्मूले विद्यार्थियों का परिणाम घोषित किया था। लेकिन बोर्ड परीक्षा के लिए 121708 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 65206 हाईस्कूल और 56502 विद्यार्थी इंटरमीडिएट के थे। इसके लिए बोर्ड स्तर से करीब 164 केंद्र बनाए गए थे। वहीं वर्ष 2020 में हुई बोर्ड परीक्षा में भी करीब एक लाख 20 हजार के करीब विद्यार्थी थे, तब भी बोर्ड ने 156 केंद्र बनाए थे। लेकिन इस बार विद्यार्थी कम होने के बाद भी बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है।
एक तरफ बोर्ड व शासन नकल विहीन परीक्षा कराने का दम भर रहा है, इसके लिए हर स्तर पर सख्ती बरती जा रही है। लेकिन बोर्ड परीक्षा के सबसे महत्वपूर्ण कार्य केंद्र निर्धारण की स्थिति देखकर निराशा हुई है। बोर्ड ने राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों पर कम जबकि वित्तविहीन विद्यालयों पर ज्यादा भरोसा जताया है। जबकि जिले में करीब 39 राजकीय, 109 सहायता प्राप्त विद्यालय है, बावजूद इसके सिर्फ छह राजकीय और 84 सहायता प्राप्त विद्यालयों का केंद्र बनाया जाना और बाकियों की अनदेखा करना किसी के गले नहीं उतर रहा।