आगरा
तीन से छह माह के छोटे दुधमुंहे बच्चे। लगातार बारिश के बीच चुनाव ड्यूटी की जिम्मेदारी। इन मांओं की आंखों से आंसू बारिश के साथ बंद नहीं हो रहे। इस खराब मौसम में वे किस तरह ड्यूटी कर पाएंगी, ये सोच सोचकर परेशान थींं। पास से गुजरने वाले लोग हिम्मत बंधाने के अलावा कोई और सहारा नहीं दे सकते। चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए पहले प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। एक महिला के पति भी चुनाव ड्यूटी में गए हुए हैं। जबकि इस बार ये प्रावधान किया था कि पति-पत्नी दोनों की यदि चुनाव ड्यूटी है तो एक को मुक्ति दी जाएगी।
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के बाबजूद भी पति पत्नी दोनों की चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई। मूल रूप से खेरागढ़ की रहने वाली नीतू नौहवार, जो शिक्षिका हैं। छह माह पूर्व उन्होंने पुत्री को जन्म दिया। उनके पति नरेंद्र पाल, मैनपुरी कोतवाली में पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। दोनों की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है। जबकि चुनाव आयोग की गाइडलइन के अनुसार पति-पत्नी में से एक व्यक्ति की ही ड्यूटी लगाना अनिवार्य था। साथ ही उन महिलाओं को विशेष सुविधा दी जा रही थी, जिनका छोटा बच्चा दूध पीता हो या जो महिला गर्भवती हैं। उनको चुनाव में ड्यूटी लगाने से दूर रखा जाना था। लेकिन नीतू नौहवार के लिए चुनाव आयोग द्वारा दी गई इस सहूलियत का कोई भी मतलब नहीं रहा। मंडी समिति में बुधवार की सुबह ही अपनी छह महीने की बेटी के साथ बारिश में भीगती हुई नीतू पहुंच गईं। हर कोई उनकी तरफ देख रहा था। नीतू ने बताया कि उन्होंने दो बार अपनी चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए प्रार्थना पत्र भी दिए लेकिन उनकी ड्यूटी फिर भी नहीं काटी गई।