समाजसेवीयो द्वारा घाट की दो साल पहले कराई थी सफाई
प्रशासन ने जॉनश्वर यमना घाट कि औरनहीं दिया कोई ध्यान
कस्बा के समाजसेवी लोगों ने यमुना घाट लकड़ी की कराई व्यवस्था
फतेहाबाद कस्बा से तीन किलोमीटर दूर स्थित मराठा कालका यमना घाट अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा इस और शासन प्रशासन द्वारा कोई ध्यान ना दिए जाने से इस मराठा काल के जमाने के यमुना घाट अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता नजर आता है अगर देखा जाए तो कस्बा फतेहाबाद से 3 किलोमीटर दूर इस यमुना घाट पर कस्बा से लेकर समस्त ग्रामीण क्षेत्र के जनता अंतिम संस्कार को पहुंचती है लेकिन यमुना घाट पर कोई व्यवस्था ना होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है कस्बा के समाजसेवी उत्तमचंद ज्वेलर्स भोला गुप्ता समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष आलोक बछरवार आदि समाजसेवियों द्वारा 2 साल पहले मिट्टी में दबी हुई सीढ़ियों को खुदाई कर निकलवाया गया था जिससे लोग घाट पर स्नान कर सकें यही नहीं प्राचीन काल का विशाल शिव मंदिर का सुंदरीकरण कराया गया यही नहीं जनता की परेशानी को ध्यान में रखते हुए समाजसेवियों द्वारा घाट पर अंतिम संस्कार को आने वाले लोगों के लिए लकड़ी की टाल की भी व्यवस्था की गई अब जबकि यमुना में 2 दिन से अचानक पानी बढ़ने से यमुना घाट की वीडियो में दरार पड़ जाने से घाट पर स्नान करने वालों के लिए परेशानी बढ़ गई है समाजसेवियों ने शासन प्रशासन से मांग की है यमुना घाट की शिर्डी की मरम्मत कराई जाए जिससे घाट पर स्नान करते समय कोई दुर्घटना ना हो