कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) बैठक में सोनिया गांधी ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की है। साथ ही उन्होंने नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। सोनिया ने गुलाम नबी आजाद समेत अन्य नेताओं द्वारा नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल को इस पत्र का जवाब भेज दिया है। राहुल गांधी ने पत्र पर अपनी नाराजगी जाहिर की। साथ ही उन्होंने पत्र भेजने वाले नेताओं पर भाजपा से सांठ-गांठ का आरोप लगाया। उनके इस बयान पर कपिल सिब्बल ने पलटवार किया है। राहुल गांधी ने पत्र पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिस वक्त पत्र भेजा गया उस समय सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती थीं। पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। इसमें जो लिखा गया था उस पर मीडिया के बजाय सीडब्ल्यूसी बैठक में चर्चा होनी चाहिए थी। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जिन्होंने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो भाजपा से मिले हुए हैं।कपिल सिब्बल ने राहुल के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछले 30 साल में कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। इसके बाद भी कहा जा रहा है कि हम भाजपा के साथ मिले हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पत्र की आलोचना करते हुए सोनिया को पद पर बने रहने का आग्रह किया। एके एंटनी ने उनका समर्थन किया है। बता दें कि उन्हें एक साल पहले राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद 10 अगस्त, 2019 को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था।