आगरा/ XMT NEWS: कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते 113 दिन की हो चुकी स्मारकों की बंदी ने आगरा में पर्यटन ट्रेड से जुड़े लोगों की कमर तोड़कर रख दी है। आजीविका छिनने से उनके सामने स्वयं और परिवार का पेट भरने की समस्या खड़ी हो गई है। परेशान होकर वो ऐसे काम करने को मजबूर हैं, जिनके बारे में उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। लोगों को अपने हाथों के जादू से उंगलियां चाटने को मजबूर कर देने वाले कुक ई-रिक्शा चला रहे हैं तो संस्कृति के दूत बनकर देसी-विदेशी मेहमानों को ताज का भ्रमण कराने वाले गाइड दूध सप्लाई कर रहे हैं। फोटोग्राफर मार्केटिंग एजेंट बन गए हैं तो सेल्समैन सिलाई कर रहे हैं। देश के अन्य हिस्सों में जहां स्मारक खुल गए हैं, वहीं आगरा में जिला प्रशासन ने स्मारकों को खोलने को अनुमति ही प्रदान नहीं की है। कोविड-19 संक्रमितों के प्रतिदिन नए केस आने से स्मारकों का फिलहाल खुलना भी संभव नजर नहीं आ रहा है। इसके चलते पर्यटन ट्रेड से जुड़े लोगों का संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
आगरा में पर्यटन की स्थिति
-आगरा में तीन विश्वदाय स्मारक ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी समेत स्मारकों की लंबी श्रृंखला है।
-पर्यटन व हैंडीक्राफ्ट कारोबार से पांच लाख लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।
-शहर में छोटे-बड़े 500 होटल, 150 रेस्टोरेंट, 100 से अधिक गेस्ट हाउस हैं।
-छोटे-बड़े मिलाकर 500 के करीब हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम हैं।
-कोविड-19 के संक्रमण के चलते पर्यटन कारोबार 100 फीसद प्रभावित हुआ है।
-आगरा में 17 मार्च से स्मारकों पर ताला लगा हुआ है।
-अधिकांश होटल, गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंट बंद हैं। स्मारकों के आसपास की सभी दुकानें बंद हैं।