जिला प्रशासन द्वारा स्मारकों को सोमवार से नहीं खोले जाने का फैसला लिए जाने से पर्यटन से जुड़े लोगों ही नहीं पर्यटकों को भी मायूसी मिली है। कोविड-19 के काल में तीन माह से ऋषिकेश में रुकी रहीं कोलंबिया की डियाना स्मारकों को खोलने की घोषणा होने के बाद ताज देखने आगरा आई थीं। मगर जिला प्रशासन के फैसले ने उनके ताज देखने के अरमानों पर पानी फेर दिया। डियाना अपने जन्मदिन पर मोहब्बत के मकबरे का दीदार करना चाहती थीं।
कोलंबिया की डियाना छह माह पूर्व भारत भ्रमण पर आई थींं। मार्च में जब कोरोना के चलते लॉक डाउन किया गया तब वो ऋषिकेश में थीं। तीन माह से अधिक समय तक वो ऋषिकेश में ही रहीं। दो जुलाई को संस्कृति मंत्रालय द्वारा छह जुलाई से स्मारकों को खोलने का निर्णय लिया गया तो डियाना शनिवार को अपना जन्मदिन मनाने आगरा चली आईं। ताजगंज में कुत्ता पार्क के नजदीक एक हॉस्टल में रुकी डियाना का शनिवार को जन्मदिन था। सोमवार को वो ताजमहल देखना चाहती थीं, लेकिन रविवार शाम जिला प्रशासन द्वारा ताजमहल समेत अन्य स्मारकों को नहीं खोले जाने के फैसले ने उनका दिल तोड़ दिया। डियाना ने बताया कि ताजमहल नहीं खोले जाने से उन्हें बहुत दु:ख पहुंचा है। तीन माह से अधिक समय से वो उसके खुलने का इंतजार कर रही थीं। यह भी पता नहीं है कि अब ताजमहल कब खोला जाएगा?
पर्यटन पर पड़ेगा बुरा असर
राजस्थान में राज्य सरकार के स्मारक एक माह पूर्व ही खुल चुके हैं। सोमवार से राजस्थान व दिल्ली में एएसआइ संरक्षित सभी स्मारक खुल जाएंगे। दिल्ली की स्थिति आगरा से बहुत अधिक विकट है, इसके बावजूद वहां स्मारक खुल रहे हैं, जामा मस्जिद तो रविवार को ही खुल गई। आगरा में कोविड-19 के कम केस होने के बावजूद स्मारकों को बंद रखे जाने से पर्यटन कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा।