चीन ने एक बार फिर अपने स्वभाव के अनुरूप धोखे से भारतीय जवानों पर हमला किया और कमांडिंग अफसर समेत कई भारतीय जवान शहीद हो गए। भारतीय जवानों ने निहत्थे जूझते हुए दर्जनों चीनी सैनिकों को ढेर कर दिया और ड्रैगन की साजिश को विफल कर दिया। वार्ता की मेज पर चीनी फौज पीछे हटने पर सहमत दिख रही थी लेकिन गुपचुप तरीके से उन्होंने गलवन और श्योक नदी के संगम के पास प्वाइंट-14 चोटी पर कब्जे के मंसूबे पाल रखे थे।
चीनी सेना की साजिश को निहत्थे भारतीय जांबांजों ने किया नाकाम
चीनी सेना की साजिश को निहत्थे भारतीय जांबांजों ने ही नाकाम बना दिया। आमने-सामने संघर्ष में चोटी से फिसलकर भारतीय और चीनी सैनिक बर्फीले दरिया में जा गिरे और इस कारण दोनों ओर की सेनाओं को खासा जानी नुकसान उठाना पड़ा।
पूर्वी लद्दाख में भारतीय फौज मजबूत स्थिति में
यहां बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय फौज मजबूत स्थिति में है। यही वजह है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी बार-बार सामरिक दृष्टि से महवपूर्ण स्थानों पर कब्जा करने की साजिश बुनती रहती है। कुछ वर्ष पूर्व भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए थे, जिन्हें चीनी सेना ने तोड़ दिया था। भारतीय पक्ष हमेशा माहौल को बिगड़ने न देने के पक्ष में ही रहा है।
जानें- क्या है प्वाइंट-14, जहां हुआ विवाद
एक बार फिर कुछ दिन पूर्व पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने गलवन घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार कर भारतीय क्षेत्र में प्वाइंट-14, प्वाइंट-15 और प्वाइंट-17 के पास तंबू गाड़ लिए थे। इनमें प्वाइंट-14 पर बीते सप्ताह भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्याधिकारियों के बीच तनाव कम करने के लिए बैठक हुई थी। यह प्वाइंट-14 गलवन नाले और श्योक दरिया के संगम के पास एक चोटी है।
रात में चोटी पर कब्जा करना चाहते थे चीनी सैनिक
दिन में चीनी सेना वार्ता के दौरान पीछे हटने पर सहमत हो गई थी। रात में चीनी जवानों ने चोटी पर कब्जे के लिए क्षेत्र की तारबंदी आरंभ कर दी। इसका पता चलते ही 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू अपने जवानों संग तुरंत मौके पर पहुंचे। वह निहत्थे ही चीनी सेना को रोकने गए थे पर धोखेबाज चीनी सैनिकों ने पत्थरों, हथौडि़यों और कंटीले तारों से हमला कर दिया।
बर्फीले पानी से लबालब दरिया में गिरने से हुई जवानों की मौत
भारतीय जवानों पहाड़ी पर चढ़ते हुए चीनी सैनिकों का निहत्थे मुकाबला किया। इस दौरान कई जवान नीचे बर्फीले पानी से लबालब दरिया में गिरे। चीन के कई सैनिक भी गिरे। इन जवानों ने शहादत देकर निहत्थे जूझते हुए प्वाइंट-14 पर कब्जे की चीन की साजिश को नाकाम कर दिया। इसी इलाके में चीनी सेना ने कुछ समय पहले पेट्रोलिंग भी की थी।