कोरोना वायरस के संक्रमण के समय में सबसे अधिक प्रभावित पर्यटन उद्याेग हुआ है। उसे अन्य उद्योगों की अपेक्षा इससे उबरने में भी अधिक समय लगेगा। इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज में उसे कोई सहायता नहीं मिली है। पर्यटन उद्योग और ‘अतिथि देवो भव’ को बचाए रखने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन ने गुहार लगाई है। ताजमहल के कारण पूरी दुनिया के पर्यटक ताजनगरी आगरा में हर वर्ष हजारों की संख्या में आते रहे हैं। पर्यटकों की आवाजाही के कारण आगरा का होटल उद्योग मुनाफे का सौदा रहा है। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण पर्यटकों की संख्या शून्य हो गई। इसके चलते होटल व्यवसाय भारी नुकसान झेल रहा है। ऐसे में होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर बिजली बिल पर फिक्स चार्ज नहीं लिए जाने और वास्तविक खपत के आधार पर ही बिल लिए जाने, अगले दो वर्षों तक बैंक ऋण व उस पर ब्याज की ईएमआइ को स्थगित रखे जाने, जीएसटी को दो वर्ष के लिए स्थगित रखने, दो वर्ष को संपत्ति, जल व सीवर कर स्थगित रखने की मांग की है। इसके साथ ही एक वर्ष के लिए फंड बनाने की मांग की है, जिससे कि प्रभावित होटलों के कर्मचारियों को बेसिक सेलरी का सीधे भुगतान करने की मांग संगठन द्वारा उठाई गई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा ने बताया कि कोविड-19 के कहर से अन्य उद्योग तो उबर जाएंगे, मगर पर्यटन उद्योग में स्थायित्व आने में दो से तीन वर्ष लगेंगे। अक्टूबर, 2021 से पूर्व तो उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है। इस स्थिति में बजट क्लास होटलों के लिए सर्वाइव करना सबसे मुश्किल होगा। सरकार को उद्योग की सहायता करनी चाहिए, अन्यथा पर्यटन कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे। लॉक डाउन में ही उद्योग को करीब तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।