कोरोना वायरस की लड़ाई में लगातार विफल साबित हो अमेरिका और यूरोप के देशों ने कई ऐसी गलतियां की जिसकी बदौलत वो इस जंग में पिछड़ते चले गए। यही वजह रही कि इन देशों में न सिर्फ कोरोना वायरस के मामले बढ़ते चले गए बल्कि इससे हुई मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ती चली गई। आज हम आपको इन्हीं दस गलतियों के बारे में बता रहे हैं।
- अमेरिका समेत यूरोपीय देशों ने चीन में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने और इसके बाद लगातार मामले बढ़ने पर भी अपने यहां पर सतर्कता नहीं बरती।
- कोरोना वायरस के देशों की सीमाओं के पार निकलने पर भी यूरोपीय देश और अमेरिका ने इसको लेकर कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए।
- यूरोप और अमेरिका में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद भी ये देश लगातार इसको लेकर लचीला रुख अपनाते रहे।
- यूरोपीय देशों में इसका पहला मामला सामने आने के कई दिनों के बाद अपने यहां पर लॉकडाउन लागू किया।
- लॉकडाउन के दौरान भी लोगों ने इसके नियमों का पालन सही तरीके से नहीं किया जिसकी वजह से मामले लगातार बढ़ते रहे।
- अमेरिका की संघीय सरकार लगातार दूसरों पर आरोप लगाने में व्यस्त दिखाई दी। लॉकडाउन को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप और कुछ गवर्नरों के बीच विवाद उभरकर सामने आया।
- ब्राजील में भी यही हाल थे। यहां के गवर्नरों और ब्राजील के राष्ट्रपति के बीच विवाद साफतौर पर उभरकर सामने आए।
- लॉकडाउन के दौरान जर्मनी में हजारों लोगों पर नियमों का पालन न करने के लिए जुर्माना किया गया। लोगों की बढ़ती लापरवाही की वजह से वहां पर नियमों को और सख्त किया गया।
- न्यूयॉर्क में लाकडाउन और कोरोना के हजारों मामले सामने आने के बाद भी समुद्र तट की भीड़ को सोशल मीडिया के तहत पूरी दुनिया ने देखा। लोगों की लापरवाही यहां के लोगों की जान पर भारी पड़ी।
- अमेरिकी सरकार ने अपने यहां पर किट बनाने के पीछे काफी समय गंवाया जिसकी बदौलत भी यहां पर मामले बढ़ते चले गए