कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप ने जब लॉकडाउन में सबकुछ बंद किया तो बॉस ने ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम यानि घर से ही काम करने की परमिशन दे दी। बॉस ने सोशल डिस्टेंसिंग की एहतियात से फैसला लिया और हमने ये सोच कर कि चलो कुछ एक्स्ट्रा टाइम तो मिलेगा परिवार के साथ। ऑफिस से घर जाते वक्त मन में ढेर सारे प्लान संजोए। खूब सोएंगे। गर्मागर्म खाएंगे। बीवी बच्चों के साथ मस्ती भरा समय बिताएंगे और बीच बीच में ऑफिस के काम भी निपटा ही लेंगे। लेकिन पहला दिन बीता भी नहीं था कि सारे सपने चकनाचूर हो गए। पहले आठ घंटे ऑफिस की मजदूरी करते थे अब 24 घंटे के मजदूर हो गए। बीवी चिल्लाती है, बच्चे खेलना चाहते हैं लेकिन हम सिर्फ लैपटॉप से ही चुपके रहने को मजबूर हो गए। इस पर आफत वीकली भी हम जैसे घर के मजदूरों के रद हैं और ऑफिस आने वाले सोच रहे हैं कि हम घर में ही मस्त हैं।’
जी हां, ये आपबीती हर उस शख्स की इस वक्त है जो लॉकडाउन के चलते वर्क फ्रॉम कर रहा है। दुनिया को कोराना वायरस ने चपेट में लिया है। वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सरकार ने सोशल डिस्टेंसिग की हिदायत देकर लोगों को घर में रहने की सलाह दी है। तो इधर वर्क फ्रॉम होम करने वाले अपने घर में ही सोशल डिस्टेंसिग अपनाने को मजबूर हो रहे हैं। उधर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस प्रोफाइल को बेहतर मानते हैं। सुबह उठकर ऑफिस जाना उन्हें पसंद नहीं है। लेकिन पूरे दिन किसी कमरे में बैठकर काम करना हेल्थ के साथ बहुत बड़ा नुकसानदायक काम हो सकता है।