पहले ही प्रयास में बने IAS, मन नहीं लगा तो खोला कोचिंग इंस्टीट्यूट; विवादों में घिरे डॉ विकास दिव्यकीर्ति को जानें

- Advertisement -

देश के लोकप्रिय टीचर्स में गिने जाने वाले डॉ विकास दिव्यकीर्ति के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर कोचिंग इंस्टीट्यूट दृष्टि आईएएस पर बैन लगाने की मांग की जा रही है। आरोप है कि विकास दिव्यकीर्ति ने अपनी क्लास में माता सीता का अपमान किया है। दरअसल, आरएसएस नेता साध्वी प्राची ने BanDrishtiIAS हैशटैग के साथ विकास दिव्यकीर्ति का एक वीडियो शेयर किया। कहा जा रहा है कि इसमें दिव्यकीर्ति ने जो बातें कही हैं, वो हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत करने वाली हैं।

साध्वी प्राची की ओर से शेयर किए गए वीडियो में विकास दिव्यकीर्ति को संस्कृत के एक लेखक को कोट करते हुए सुन सकते हैं, ‘हे सीते अगर तुम्हें लगता है कि युद्ध मैंने तुम्हारे लिए लड़ा है तो तुम्हारी गलतफहमी है। युद्ध तुम्हारे लिए नहीं लड़ा है, युद्ध अपने कुल के सम्मान के लिए लड़ा है। रही तुम्हारी बात तो जैसे कुत्ते द्वारा चाटे जाने के बाद घी भोजन योग्य नहीं रहा जाता है वैसे ही अब तुम मेरे योग्य नहीं हो।’

माता-पिता दोनों हिंदी साहित्य के रहे प्रोफेसर
चलिए हम आपको माता सीता पर दिए बयान को लेकर विवादों में घिरे डॉ विकास दिव्यकीर्ति कौन हैं। डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जन्म हरियाणा के मध्यम वर्गीय परिवार में 26 दिसंबर 1973 को हुआ। उनके माता-पिता दोनों ही हिंदी साहित्य के प्रोफेसर रहे। विकास बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे और हिंदी से उनका भी गहरा लगाव रहा। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से BA किया। इसके बाद उन्होंने हिंदी में एमए, एमफिल और फिर पीएचडी की। वह यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने DU और भारतीय विद्या भवन से अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल की।

बतौर IAS गृह मंत्रालय में हुई थी तैनाती
डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली यूनिवर्सिटी में टीचर के तौर पर की। उन्होंने 1996 में अपने पहले ही प्रयास में UPSC एग्जाम पास कर लिया। वह IAS ऑफिसर बन गए, उनकी तैनाती गृह मंत्रालय में हुई। हालांकि, ऑफिसर के काम-धाम में उनका मन नहीं लगा। उनकी दिलचस्पी पढ़ाने-लिखाने में ही बनी रही। महज एक साल बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 1999 में डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने दृष्टि IAS कोचिंग इंस्टीट्यूट की नींव रखी, जो आज देशभर में मशहूर है।

डॉ विकास दिव्यकीर्ति का अधूरा बयान हुआ वायरल
ध्यान रहे कि जो वीडियो वायरल हो रहा है उसे डॉ विकास दिव्यकीर्ति का अधूरा बयान बताया जा रहा है। दिव्यकीर्ति के समर्थकों का कहना है कि अगर पूरा बयान सुना जाए तो विवाद की कोई बात ही नहीं है। इस ‘पूरे वीडियो’ में डॉ विकास दिव्यकीर्ति कहते हैं, ‘संस्कृत के एक ग्रंथ में राम के मुंह से ऐसा कहलवाया गया है। यह राम नहीं कह रहे, बल्कि लेखक कह रहा है। लेखक अपने मन की बातें चरित्रों के मुंह से कहलवाते हैं। इससे छवि तो चरित्र की ही बिगड़ती है। तुलसीदास ने इस मामले पर कुछ भी नहीं कहा। उन्हें पता था कि इससे विवाद होने वाला है।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here