मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के एक सेवानिवृत्त आशुलिपिक वीरेंद्र कुमार अग्रवाल आय से अधिक व्यय के मामले में फंसे हैं। विजिलेंस जांच में उनके खिलाफ लगे आरोप सही पाए गए। खास बात रही कि उनकी आय 97,33,044 रुपये है, जबकि उन्होंने खर्च 2.91 करोड़ रुपये कर डाला। इस पर विजिलेंस थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच तेज कर दी गई है।
थाना उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान, आगरा परिक्षेत्र के निरीक्षक दुष्यंत तिवारी ने मुकदमा दर्ज कराया है। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के सेवानिवृत्त आशुलिपिक वीरेंद्र कुमार अग्रवाल के खिलाफ शासन में आय से अधिक व्यय की शिकायत की गई थी। शासन ने जून 2020 में विजिलेंस को खुली जांच के आदेश किए। इसके बाद मार्च 2022 में जांच आख्या शासन को भेजी गई थी।
जांच में हुआ खुलासा
जांच में पता चला कि सेवानिवृत्त आशुलिपिक वीरेंद्र कुमार अग्रवाल ने जांच के लिए निर्धारित अवधि में अपनी आय के समस्त ज्ञात और वैध स्त्रोतों से 97,33,044 रुपये कमाए। पर, इस अवधि में उन्होंने संपत्ति और भरण पोषण पर 2.91 करोड़ रुपये खर्च कर डाला। अपनी आय के सापेक्ष 199 प्रतिशत ज्यादा खर्च किया।
नहीं दे सके जवाब
विजिलेंस ने वीरेंद्र कुमार से स्पष्टीकरण मांगा लेकिन वो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। मामले में शासन के आदेश पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया है।
रडार पर कई विभागों के कर्मचारी
विजिलेंस में कई विभागों के कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। गोपनीय और खुली जांच की जा रही है। पूर्व में फिरोजाबाद के एक शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।