बहुजन द्रविड पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मान्यवर जीवन कुमार मल्ला और राष्ट्रीय महासचिव मा. दिनेश कुमार गौतम जी, इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मान्यवर प्रोफेसर सुलेमान के निमंत्रण पर पिछले तीन दिनों से उत्तर प्रदेश में डेरा जमाए हुए थे।
दरअसल जिन लोगों ने मान्यवर कांशीराम जी से राजनीति सीखी, वे लाखों कांशीरामवादी मायावती की बहुजन विरोधी नीति और गतिविधियों से निराश हैं। ऐसे लोगों को अवसाद (दुख) से बाहर निकालने के लिए मा. मल्ला जी उत्तर प्रदेश गए थे। वहां पर उन्होंने मान्यवर कांशीराम द्वारा छोड़ी गई महान विरासत को जारी रखने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य में सक्रिय रूप से काम कर रहे कुछ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा इस्लामिक संगठन के नेताओं से भी मुलाकात की।
वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर, प्रो. सुलेमान जी ने भारतीय जनतांत्रिक गठबंधन (IDA) कार्यालय, लखनऊ (उ.प्र.) में कुछ बहुजन नेताओं को आमंत्रित किया। प्रो. सुलेमान जी ने सर्वप्रथम मल्ला जी को सभी नेताओं से मिलवाया और कहा कि द्रविड विचारधारा से प्रशिक्षित नेता जानते हैं कि बहुजन द्रविड समुदाय का दुश्मन कौन है और उन्हें यह भी स्पष्ट रूप से पता है कि दोस्त कौन हैं। इसलिए उत्तर भारत की तुलना में तमिलनाडु राज्य के लोग ज्यादा खुशहाली से रह रहे हैं।
प्रो. सुलेमान ने आगे कहा कि यदि उत्तर भारत के लोग विकास और सम्मान के साथ रहना चाहते हैं, तो बहुजन द्रविड पार्टी के कार्यकर्ता उत्तर भारत में पेरियारवाद का प्रचार करें।
तत्पश्चात मा. मल्ला जी ने उपस्थित नेताओं को संबोधित कर कहा कि, हम सभी एससी/एसटी, ओबीसी और इस्लामिक संगठन के नेता एक साथ बैठकर अपनी समस्याओं के बारे में बात कर रहे हैं, और हम एक साथ भोजन कर रहे हैं; यहां हमारे बीच में कोई मतभेद नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां तो हम इस विचार के साथ बात कर रहे हैं कि हमें अपने साझा दुश्मन ब्राह्मणवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए। लेकिन चुनाव के समय आप हमारी सोच और हमारे साझा दुश्मन को भूल जाते हैं। उस वक्त आप कांग्रेस, बीजेपी और कम्युनिस्ट पार्टियों जैसे ब्राह्मणवादी दलों से एक या दो सीट की भीख मांगने के लिए उनके पीछे भाग रहे होते हैं। वह इसलिए, क्योंकि आप लोग अपने लोगों को स्वयं को ब्राह्मणवादी पार्टियों को नहीं बेचने के लिए तैयार करने में विफल रहे हैं। इसलिए, आप छोटे-मोटे फायदे के लिए स्वयं को मनुवादी पार्टियों को बेच रहे हैं। मैं बहुजन द्रविड समुदाय के बीच यह जागरूकता फैलाने के लिए पूरे भारत की यात्रा कर रहा हूं कि वे किसी भी कारण से मनुवादी पार्टियों के सामने आत्मसमर्पण न करें।
भारत में बहुजन द्रविड समुदाय के राजनीतिक दुश्मन को हराने के लिए पेरियारवादी और कांशीरामवादियों को यहां अभी बहुत काम करना है। उन्होंने आगे कहा कि, वह हमारे साझा दुश्मन को हराने के लिए युद्ध का आह्वान करते हैं।
मा. मल्ला जी ने आगामी 17 सितंबर, 2022 को थानथाई पेरियार की 144वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जानकारी देते हुए बताया कि, बीडीपी ने पिछले साल इस दिवस को “भारतीयों का द्रविड दिवस” मनाने की घोषित की थी। इसलिए बहुजन द्रविड पार्टी ने इस दिवस को “कांशीरामवादियों का मिलन – 2022” के नाम से एक राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने का निर्माण लिया है।
मा. मल्ला जी ने आगे कहा कि आप सभी राजनीतिक नेता कांशीराम जी की विचारधारा से प्रशिक्षित हैं। अतः मैं आप सभी नेताओं से इस महान आयोजन “कांशीरामवादियों का मिलन – 2022” में भाग लेने की अपील करता हूं।
अंत में, मा. मल्ला जी ने डॉ. पी.एम. अल-एचओडी@ (एएलआईजी), (एनएटी. कार्यकारी निकाय वरिष्ठ सदस्य) इंडियन नेशनल लीग, लखनऊ और ओबीसी नेता मा. पाइया, समन्वयक भारतीय जनतांत्रिक गठबंधन, उत्तर प्रदेश का तहे दिल से धन्यवाद ज्ञापित किया।