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Agra News: 100 सीसीटीवी कैमरे छान मारे, आगरा से अगवा अबोध बच्चे का नहीं लग रहा सुराग, मजदूर का बेटा ही आखिर क्यों बना निशाना

आगरा

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सिकंदरा के शास्त्रीपुरम से छह माह के अबोध को अगवा करने वालों का रूट जानने के लिए पुलिस 100 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल चुकी है। एक्टिवा सवार महिला और उसका साथी मजदूर के आठ वर्षीय बेटे की गोद से अबोध को लेकर भाग गए थे। पुलिस को कई जगह पर आरोपितों के फुटेज मिले हैं। इधर पुलिस की समझ में भी ये बात नहीं आ रही है कि मजदूर परिवार के बेटे का अपहरण क्यों किया गया है, ये लोग तो फिरौती देने लायक भी नहीं हैं और ना ही इनकी किसी से रंजिश है।

छत्तीसगढ़ के जिला बिलासपुर के थाना सिविल लाइंस में गांव मंगला धुलीपाड़ा निवासी फत्तेलाल और उनकी पत्नी फूलमणि मजदूरी करते हैं। मां फूलमणि ने बताया कि वह 20 वर्ष से आगरा में रहकर काम कर रहे हैं। पांच दिन पहले ही गांव से साइट पर काम करने आए थे। उनकी साइट शास्त्रीपुरम पुलिस चौकी से आधा किलोमीटर दूर स्थित है। सोमवार को आठ वर्षीय बेटा रितेश सड़क किनारे छह माह के भाई को गोद में लेकर खिला रहा था।

इसी दौरान सफेद रंग की एक्टिवा पर सवार महिला और उसका साथी रितेश के पास पहुंचे। रितेश ने बताया कि आंटी कहने लगीं कि कितना सुंदर बच्चा है। इसके बाद उसे बिस्कुट और टॉफी लाकर दिया। आरव को एक्टिवा से सड़क पर घुमाने के बहाने जबरन उसकी गोद से ले लिया। इसके बाद उसे लेकर भाग गए।

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इंस्पेक्टर सिकंदरा आनंद कुमार शाही ने बताया कि इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से एक्टिवा सवार आरोपितों का भागने के रूट की जानकारी की जा रही है। कई जगहों पर आरोपितों के फुटेज मिले हैं। अबोध को अगवा करने वाली महिला और उसका साथी दोनों मास्क लगाए थे। फुटेजों से एक्टिवा का नंबर और दोनों का हुलिया पता करने का प्रयास किया जा रहा है।

अबोध को अगवा करने वाली महिला की उम्र लगभग 30 और पुरुष की 35 वर्ष है। महिला सामान्य कद-काठी और दोहरे शरीर की है। उसका साथी काले कपड़े पहने था।

फूलमणि दंपती ने बताया कि उनके छह बच्चे हैं। बड़ा बेटा सुरेंद्र (20 वर्ष), दीपेश (18 वर्ष), दिनेश (16 वर्ष) और रितेश (8 वर्ष) हैं। आरव का जन्म गांव में हुआ था।

साइट पर एक दर्जन से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं। इनमें कई महिलाएं भी हैं। जो काम के दौरान बड़े बच्चों के साथ अपने अबोध बच्चों को सड़क किनारे खेलने छोड़ देती थीं। सोमवार की घटना के बाद से वह दहशत में हैं, मंगलवार को अपने बच्चों को साइट के अंदर ही रखा। सड़क किनारे खेलने नहीं जाने दिया।

 

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