आगरा
तोता का ताल पर खोदे गए गहरे गड्ढे में सोमवार की सुबह नौ बजे व्यापारी सुरेंद्र अग्रवाल भी पैर फिसलने से डूब गए थे। वह 15 फीट गहरे गड्ढे में गर्दन तक डूब गए थे। इसी दौरान वहां से निकलते राहगीर की नजर पर उन पर पड़ गई, उसने गमछा फेंक कर उन्हें बाहर खींच लिया। इसके दो घंटे बाद मौत के गड्ढे ने छह साल के मासूम जीशान को लील लिया।
जगदीशपुरा आवास विकास कालोनी सेक्टर चार निवासी सुरेंद्र अग्रवाल की तोता का ताल पर ही परचून की दुकान है। उनका पैतृक मकान गली कारवान, तोता का ताल में है। सुरेंद्र ने बताया गहरे गड्ढे में गिरने से उनके दाएं पैर में काफी चोट आ गई। पत्नी गौरा अग्रवाल ने बताया वह पति के लिए दवा लेने तोता का ताल आ रही थीं। जीशान दो बच्चों के साथ गले में हाथ डाले आ रहा था। अचानक उसका पैर फिसला और वह गड्ढे में गिर गया। बच्चे को डूबते देख उन्होंने शोर मचाया। दुकान पर मौजूद बेटे अभिषेक ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहा।
गौरा अग्रवाल की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। मासूम के डूबने का दृश्य उनकी आंखो के सामने बार-बार आ रहा था। जीशान डूबते समय अपने दोनों हाथ ऊपर उठा हिला रहा था। वह जान बचाने के लिए मदद मांग रहा था। कुछ ही सेकेंड में उसके दोनों हाथ दिखाई देना बंद गए।
इलाके के लोगों ने बताया कि दोनों गड्ढे 20 दिन पहले खोदे गए थे। अब तक मासूम समेत चार लोग इन गड्ढों में डूब चुके हैं। एक सप्ताह पहले बिल्लोचपुरा निवासी राजा कुरैशी एक्टिवा समेत गिर गए थे। उन्हें लोगों ने बचा लिया, एक्टिवा को क्रेन की मदद से निकाला गया। गड्ढे में उनके कई हजार रुपये भी गिर गए थे। इसके अलावा आलमगंज निवासी छाेटे कुरैशी भी गड्ढे में गिर चुके हैं।
अरे भइया गड्ढे ने मेरा खिलौना लूट लिया। जीशान की दादी फरीदा जुबां पर यही शब्द थे। वहीं मां नईमा उस घड़ी काे याद कर रो रही थी, जब उसने बेेटे को दही लेने के लिए भेजा। नईमा का कहना था कि उसका बेटा समझदार था। उनकी एक आवाज पर हर काम कर देता था। पिता रियाजुद्दीन ने बताया कि उनके तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा ईशान सात वर्ष और छोटा डेढ़ महीने का है। जीशान मंझला बेटा था।