आगरा
सूचना न देने पर राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रैती ने तत्कालीन अपर जिलाधिकारी (नगर) पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। उक्त धनराशि की कटौती उनके वेतन से करने के आदेश किए हैं। अर्थदंड की वसूली चार जनवरी 2021 से 30 दिसंबर 2021 तक पदस्थ विपक्षी जनसूचना अधिकारी एडीएम के वेतन से नियमानुसार की जाएगी।
उत्तर प्रदेश सूचना आयोग में 31 मार्च को आयोजित विशेष शिविर में हुई सुनवाई में शिकायतकर्ता अनीता गुप्ता द्वारा मांगी गई सूचना के संदर्भ में विपक्षी जनसूचना अधिकारी को दो मार्च 2022 को भेजे गए नोटिस में दो प्रतियों में अपना स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए थे। जोकि उन्होंने नहीं दिया था
इसमें यह भी पूछा गया था कि वांछित सूचना देने में विलंब क्यों किया जा रहा है। 31 मार्च को भी जनसूचना अधिकारी उपस्थित नहीं हुए। इस पर माना गया कि विपक्षी जनसूचना अधिकारी प्रकरण को लेकर गंभीर नहीं हैं। उन्हें सूचना उपलब्ध नहीं कराने, आयोग को स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने का दोषी माना गया। जनसूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 25 हजार रुपये का अधिरोपित किया गया।
संस्था जनप्रहरी के अध्यक्ष नरोत्तम शर्मा का कहना है कि सूचना का अधिकार नागरिकों का संवैधानिक अधिकार है। शिकायतकर्ता अनीता गुप्ता ने अतिक्रमण को लेकर आरटीआइ दाखिल की थी, इस पर प्रशासन की ओर से जवाब नहीं दिया गया था।