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बड़ी खबर, आगरा में किसानों के खिलाफ यमुना एक्सप्रेस वे को लेकर दर्ज मुकदमे जल्द होंगे वापस, 200 से ज्यादा पर हुआ था मुकदमा

आगरा

यमुना एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान अपनी जमीन बचाने को किसानों ने संघर्ष किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई झड़पों के बाद दनादन मुकदमे दर्ज हुए। आठ वर्ष में 35 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें दो सौ से अधिक किसानों को नामजद किया गया था। इन सभी मुकदमों में पुलिस ने चार्जशीट लगा दी। अब भाजपा सरकार बनने के बाद किसानों के इन मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शासन स्तर से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद इसको लेकर कवायद शुरू हो गई है।

यमुना एक्सप्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध वर्ष 2009 में शुरू हो गया था। 25 जून 2009 विजय निर्माण कंपनी के कुबेरपुर स्थित कैंप पर हमले के मामले में महावीर सिंह समेत आठ किसानों के खिलाफ एत्मादपुर थाने में बलवा, मारपीट और सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद चौगान और छलेसर में लगातार किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। कभी अधिग्रहीत जमीन पर किसानों ने कब्जा कर लिया तो कभी कैंप पर हंगामा किया। 28 सितंबर 2010 में किसानों ने चौगान और छलेसर में अधिग्रहीत जमीन पर कब्जा कर लिया।

इस मामले में राजस्वकर्मियों की ओर से एत्मादपुर थाने में बलवा, सरकारी कार्य में बाधा, लोक व्यवस्था भंग करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। इसी तरह एक अक्टूबर 2010 को किसानों ने अधिग्रहीत जमीन पर अपना कब्जा किया। इसमें भी गंभीर धाराओं में छलेसर निवासी मनोज शर्मा समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा हुआ। इस तरह विरोध प्रदर्शन करने पर वर्ष 2016 तक लगातार मुकदमे दर्ज होते रहे।

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