आगरा
नमक की मंडी निवासी राकेश ने बताया कि पत्नी दीपिका के प्रसव पीड़ा होने पर लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। शनिवार देर रात बेटा हुआ। 1100 रुपये मांगे गए, 1000 रुपये दिए। इसके बाद बेटे को गोद में दिया।
− खतैना निवासी लीला देवी ने शनिवार को पुत्रवधू संगीता को भर्ती कराया। रात में बेटी का जन्म हुआ। कर्मचारी ने 500 रुपये मांगे, निश्शुल्क सुविधा होने के बाद भी पैसे मांगने का विरोध किया। लेकिन वे नहीं माने, कह दिया कि एक भी रुपया नहीं है। इसके बाद बेटी दी
प्रसव पीड़ा होने पर घर से सरकारी अस्पताल तक पहुंचाने, प्रसव कराने और प्रसूता व नवजात को घर तक छोड़ने की निश्शुल्क सुविधा है। सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर सहायता राशि भी दी जा रही है। मगर, लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय में डिलीवरी (प्रसव) के बाद नवजात टैक्स वसूला जा रहा है। यहां हर रोज तीमारदारों से 15000 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है।
कोरोना काल में लेडी लायल अस्पताल में ही एसएन मेडिकल कालेज का स्त्री रोग विभाग शिफ्ट कर दिया गया था। ऐसे में हर रोज 25 से 30 डिलीवरी हो रही हैं। प्रसव कक्ष में किलकारी गूंजते ही स्टाफ बाहर निकल कर आता है, तीमारदार को बेटा और बेटी होने की जानकारी देते हैं। इसके बाद बेटा होने पर 1100 और बेटी होने पर 500 रुपये मांगे जाते हैं। स्टाफ रुपये लेने के बाद ही नवजात को तीमारदार की गोदी में देता है। कुछ इसका विरोध भी करते हैं तो रुपये कम कर दिए जाते हैं। एक अनुमान के तहत हर रोज करीब 15000 रुपये की नवजात टैक्स की वसूली की जा रही है। लेडी लायल के प्रमुख अधीक्षक डा. पंकज कुमार ने बताया कि अस्पताल में सभी सुविधाएं निश्शुल्क हैं। कोई पैसे मांगता है तो शिकायत कर सकते हैं, सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की भी जांच कराई जाएगी।