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छत्रपति शिवाजी का स्‍मारक लेगा मूर्त रूप, आगरा से उनका जुड़ाव आएगा सामने, अब शुरू होगी तैयारी

आगरा

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक स्थल बनाने के निर्देश दिए। शहर में शिवाजी का स्मारक स्थल बनाने के लिए कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने विधायकी के अपने पिछले कार्यकाल में पैरवी की थी। यहां कोठी मीना बाजार स्थित हवेली में शिवाजी का स्मारक स्थल बनाने का प्रस्ताव है।

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आगरा में शिवाजी से संबंधित जगहों पर इतिहास संकलन समिति के प्राे. सुगम आनंद और स्व. डा. अमी आधार निडर ने शोध किया था। शोध में औरंगजेब द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज को कोठी मीना बाजार की जगह नजरबंद करने का दावा किया गया था। शोध के आधार पर विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने चार जून, 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रत्यावेदन सौंपा था।

उन्होंने मुख्यमंत्री से कोठी मीना बाजार को स्मारक स्थल के रूप में विकसित करने, शिवाजी की मूर्ति लगाने, म्यूजियम बनाने, साउंड एंड लाइट शो कराने की मांग की थी। 19 जून, 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्रपति शिवाजी से संबंधित जगह पर म्यूजियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रशासन द्वारा जमीन का सर्वे कराया गया था।

शोध में दावा किया गया था कि औरंगजेब ने 12 मई, 1666 को शिवाजी को राजा जयसिंह के बेटे राम सिंह की छावनी के निकट सिद्धी फौलाद खां की निगरानी में नजरबंद करने का आदेश किया था। 16 मई, 1666 को शिवाजी को रदंदाज खां के मकान पर ले जाने का आदेश हुआ। राम सिंह की छावनी के निकट स्थित फिदाई हुसैन की शहर के बाहर टीले पर स्थित हवेली में शिवाजी को रखा गया। जयपुर म्यूजियम में रखे आगरा के नक्शे के अनुसार राम सिंह की हवेली कोठी मीना बाजार के नजदीक थी। यह जगह अभिलेखों में आज भी कटरा सवाई राजा जयसिंह के नाम से दर्ज है। समिति ने दावा किया था कि राम सिंह की हवेली के निकट ही फिदाई हुसैन की हवेली थी, जो कोठी मीना बाजार ही है। यहीं से शिवाजी अपने पुत्र के साथ फलों की टोकरी में बैठकर निकल गए थे।

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