दीवाली रोशनी, खुशियों और दीयों का त्योहार है, लेकिन आजकल पटाखों के कारण यह त्योहार कई लोगों के लिए खतरे की वजह भी बन जाता है। दरअसल, पटाखों से निकलने वाला जहरीला धुआं और तेज आवाज कुछ खास लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
पटाखों के कारण होने वाला गंभीर प्रदूषण और अचानक शोर इन 5 तरह के लोगों की सेहत पर बहुत बुरा असर डालता है। अगर आप या आपके आस-पास
अस्थमा या सांस की पुरानी बीमारी से पीड़ित लोग
पटाखों का धुआं सबसे पहले और सबसे ज्यादा हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। इस धुएं में मौजूद बारीक कण (PM2.5) और जहरीली गैसें (जैसे सल्फर डाइऑक्साइड) सांस की नली में जलन पैदा करती हैं।
खतरा: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या COPD (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) से पीड़ित लोगों को सांस लेने में गंभीर तकलीफ हो सकती है, यहां तक कि अस्थमा का खतरनाक दौरा भी पड़ सकता है, जिससे उनकी जान जा सकती है।
छोटे बच्चे और नवजात शिशु
बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है। पटाखों का धुआं उनके लिए बड़ों से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है।
खतरा: उन्हें निमोनिया या सांस की गंभीर समस्या हो सकती है। साथ ही, पटाखों की तेज आवाज उनके कानों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालती है।
गर्भवती महिलाएं
गर्भावस्था के दौरान महिलाएं और उनके गर्भ में पल रहा शिशु बहुत संवेदनशील होते हैं। पटाखों के धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन मां और बच्चे दोनों के लिए जहर की तरह काम कर सकते हैं।
खतरा: जहरीला धुआं गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है। पटाखों के तेज शोर से मां का तनाव और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो गर्भावस्था के लिए खतरनाक है।
हार्ट पेशेंट
पटाखों का शोर सिर्फ कानों के लिए ही नहीं, बल्कि दिल के लिए भी खतरा है। तेज और अचानक होने वाला शोर शरीर में तनाव हार्मोन को बढ़ा देता है, जिससे दिल पर जोर पड़ता है।
खतरा: पटाखों की आवाज और धुआं हार्ट पेशेंट्स के ब्लड प्रेशर और हृदय गति को अचानक बढ़ा सकता है, जिससे हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
बुजुर्ग लोग
बुढ़ापे में शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और पहले से ही कोई न कोई स्वास्थ्य समस्या (जैसे हाई ब्लड प्रेशर, सांस की बीमारी) हो सकती है।
खतरा: तेज आवाज से उनमें एंग्जायटी, अनिद्रा और दिल की धड़कन का अनियमित होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। प्रदूषण से उनकी पुरानी बीमारियां और भी गंभीर रूप ले सकती हैं।
अगर आप इस लिस्ट में शामिल हैं, या आपके घर में कोई है, तो इस दीवाली सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
- खिड़की-दरवाजे बंद रखें।
- बाहर कम से कम निकलें।
- जरूरत पड़ने पर N-95 मास्क का इस्तेमाल करें।
कोई इन नाजुक स्थितियों में है, तो उन्हें पटाखों से दूर रहने की सख्त सलाह दें।