आगरा
पिछले सालों में इस शहर में जितना तापमान 15 मई के आसपास होता था, वही तापमान इस साल मार्च के आखिरी सप्ताह में दर्ज हो गया है। लू और धूल भरी हवाएं अप्रैल के शुरुआत में शुरू हो चुकी हैं। सुबह 10 बजे के बाद सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा है। मौसम विभाग ने आगरा में अभी चार दिन और हीट वेव का अनुमान जताया है। मंगलवार को तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच सकता है।
आगरा में मंगलवार सुबह सात बजे से ही धूप में तेजी है और आठ बजे के बाद से धूप चुभने लगी है। बाहर निकलने पर पसीने छूटने लगे हैं। स्कूली बच्चे गर्मी से अकुला रहे हैं और अभिभावक बेबस हैं। सोमवार को शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में दो-तीन बच्चों की नाक से खून आने की शिकायत भी सामने आई है, दरअसल दोपहर के समय यहां ग्राउंड में पीटी करा दी गई थी। वहीं दूसरे अन्य स्कूलों के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। जिसमें स्कूल परिसर में बच्चे धूप में बैठे परेशान नजर आ रहे हैं। मंगलवार को सुबह न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री दर्ज हो चुका है। जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक है। वहीं सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से सात डिग्री अधिक, 41.8 डिग्री दर्ज हुआ था।
मौसम विभाग ने आगरा में हीट वेव चलने को लेकर अलर्ट जारी किया है। आठ अप्रैल तक दिन में बाहर निकलने पर ऐसा लगेगा, जैसे आग बरस रही है। तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
आगरा के एसएन के मडिसिन विभाग के डा. मृदुल चतुर्वेदी ने बताया कि शरीर को ठंडा करने के लिए एक कूलिंग सिस्टम होता है। मगर, तापमान बढ़ने के साथ ही गर्म हवा चलने पर कूलिंग सिस्टम गड़बड़ा जाता है। शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाता है। शरीर का तापमान 101 फेरनहाइट से अधिक पहुंच जाता है। बेहोशी छाने लगती है, शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यह घातक भी हो सकता है। ऐसे केस में मरीज के शरीर पर गीला कपड़ा रखकर पंखे में लिटा दिया जाता है। जिससे शरीर का तापमान कम होने लगता है।