आगरा
एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रशिक्षण को कभी भाई के साथ जाने को जिद करने वाली दीप्ति शर्मा आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार हैं। एक थ्रो से शुरुआत करने वाली दीप्ति की गिनती आज दुनिया की शीर्ष आलराउंडर खिलाड़ियों में होती है। वर्ल्ड कप के पहले मैच में हरफनमौला प्रदर्शन कर उन्होंने शहर का मान बढ़ाया है।
दीप्ति शर्मा जब सात वर्ष की थीं, तब वह नीली जर्सी पहनने का ख्वाब देखा करती थीं। उनके भाई सुमित तब एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्रिकेट की प्रैक्टिस किया करते थे। एक दिन दीप्ति ने भी उनके साथ जाने की जिद पकड़ ली। पिता भगवान शर्मा की अनुमति के बाद सुमित उन्हें अपने साथ ले गए। स्टैंड में बैठीं दीप्ति खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करते हुए देख रही थीं। इसी दौरान गेंद उनके पास पहुंची तो उन्होंने उसे उठाकर स्टंप की ओर फेंका। करीब 30 मीटर की दूरी से की गई थ्रो सीधे स्टंप पर जाकर लगी। भारतीय क्रिकेटर हेमलता काला ने यह देखा तो उन्हें प्रोत्साहित किया। इसके बाद दीप्ति का कड़ा प्रशिक्षण शुरू हो गया। जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर उन्होंने मात्र 17 वर्ष की उम्र में वर्ष 2014 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बना ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
19 फरवरी, 2016: रांची में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच में 20 रन देकर छह विकेट लिए।
– 15 मई, 2017: दक्षिण अफ्रीका में आयरलैंड के खिलाफ मैच में ओपनिंग करते हुए 188 रनों की पारी खेली। भारतीय महिला क्रिकेटर द्वारा खेली गई अब तक सबसे बड़ी पारी।
-भारत सरकार अर्जुन अवार्ड से सम्मानित कर चुकी है।