आगरा
रंगोत्सव में ब्रज की संस्कृति के रंग बिखरेंगे। बरसाना की लठामार होली, मुखराई का चरकुला नृत्य रंगोत्सव की शान होगा। बुंदेलखंड का राई नृत्य, हरियाणा का बीन और बांदा का पाई डंडा के नजारे अद्भुत होंगे। मंदिरों को सजाया-संवारा जाएगा। बरसाना की लठामार होली में द्वापरयुग जीवंत होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच बनेगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ब्रज की विभिन्न विधाओं के दर्शन होंगे। सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे। दस से 23 मार्च तक रंगोत्सव मनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने होली के आयोजनों को खास बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पर्यटन निदेशालय लखनऊ में सोमवार को बैठक हो चुकी है।होली मस्ती का त्योहार है। ब्रज की होली तो अकल्पनीय है। वसंत पंचमी से ही होली का रंग छाने लगता है। होलिकाष्टक लगते ही ब्रज के आसमान में अबीर-गुलाल के बदरा छाने लगते हैं। दस मार्च से होलिकाष्टक लग रहे हैं। इसी के साथ होली की अल्हड़ मस्ती में ब्रज डूब जएगा। पर्यटन की दृष्टि से होली को आकर्षण बनाने के प्रयास हो रहे हैं। दस से 23 मार्च तक चलने वाले रंगोत्सव में मंदिरों की सजावट की जाएगी। बरसाना की लठामार होली देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए अद्भुत है। मंदिर और प्रिया कुंड को कपड़े, मटकी आदि से सजाया जाएगा। राधा बिहारी इंटर कालेज बरसाना में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच बनाया जाएगा। सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे। ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नगेंद्र प्रताप ने बताया कि रंगोत्सव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। रंगोत्सव के दौरान प्रमुख मंदिरों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
बरसाना में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच तैयार किया जाएगा। इसके अलावा नंदगांव, रावल, वृंदावन, मथुरा, महावन, गोवर्धन, बलदेव में कलाकारों के दो-दो ग्रुप भेजे जाएंगे। एक ग्रुप में आठ-दस कलाकार होंगे। यह कलाकार भगवान श्रीकृष्ण-राधा की विभिन्न होलियों को जीवंत करेंगे। सांस्कृति कार्यक्रमों में मयूर नृत्य, लठामार होली आदि के दर्शन होंगे।