आगरा
एसएन मेडिकल कालेज और डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 82 साल पुराना साथ टूटने जा रहा है।मेडिकल कालेज की जल्द ही विश्वविद्यालय से संबद्धता खत्म होने वाली है। मेडिकल कालेज के एमबीबीएस समेत सभी पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम अब अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल विश्वविद्यालय से संबद्ध होने जा रहे हैं। एमबीबीएस को पहले ही संबद्ध किया जा चुका है।
मेडिकल कालेज विश्वविद्यालय से 1939 में संबद्ध हुआ था। एमबीबीएस का पहला बैच 1944 में पास आउट हुआ था। तब से लेकर अब तक मेडिकल कालेज की परीक्षा व परिणाम की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की ही रही है।विश्वविद्यालय से मेडिकल कालेज के अलावा 1100 कालेज संबद्ध हैं। इतने कालेजों की संबद्धता के कारण विश्वविद्यालय का सिस्टम बिगड़ गया है। परीक्षा से लेकर परिणाम तक सालों साल लंबित रहते हैं। मेडिकल कालेज लंबे समय से विकल्प की तलाश कर रहा था। अब अटल बिहारी मेडिकल विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के बाद यह समस्या खत्म होने वाली है। मेडिकल विश्वविद्यालय की पिछले साल हुई पहली वित्त समिति और कार्य परिषद की बैठक में 11 मेडिकल कालेजों को संबद्धता का सहमति पत्र देने का अनुमोदन दे दिया गया था।
एमबीबीएस पहले ही हो चुका संबद्ध
एसएन मेडिकल कालेज में चलने वाले एमबीबीएस पाठ्यक्रम को पिछले महीने ही अटल विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जा चुका है। इसमें 128 सीटें हैं। पांच साल के हिसाब से यहां एक साथ 640 छात्र पढ़ेंगे।नर्सिंग कालेज भी संबद्ध हो चुका है। मेडिकल कालेज में कुल 18 पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम हैं। इनमें छात्रों की कुल संख्या 119 है। यह सभी पाठ्यक्रम जल्द ही अटल विश्वविद्यालय से संबद्ध किए जाएंगे। अटल विश्वविद्यालय की टीम ने मंगलवार को मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया। दो सदस्यीय टीम ने यहां पीजी कोर्सों को संचालित करने के संसाधन, शिक्षकों की संख्या के मुताबिक छात्रों का अनुपात देखा। प्रयोगशालाओं की स्थिति को परखा। शिक्षक और छात्रों से भी बातचीत की। कालेज के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि 2021-22 के लिए अटल विश्वविद्यालय से संबद्धता मिल सकती है। इस हफ्ते अनुमोदन मिल जाएगा। 2020-21 के छात्रों की परीक्षा और परिणाम की जिम्मेदारी उनके उत्तीर्ण होने तक आंबेडकर विश्वविद्यालय की ही होगी।