आगरा
गैर इरादतन हत्या की आरोपित झोला छाप महिला को जमानत नहीं मिल सकी। आरोपित की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को जिला जज नलिन कुमार श्रीवास्तव ने खारिज करने के आदेश किए।
जैतपुर थाने में संजीव कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया था। संजीव कुमार के अनुसार 23 सितंबर 2021 को प्रसव पीड़ा होने पर उन्होंने अपनी पत्नी सुमन देवी को कृष्णा नर्सिंग होम नदगंवा रोड जैतपुर में भर्ती कराया था। जिसका प्रसव कार्य शशि पत्नी भूपेंद्र ने कराया था। संजीव का आरोप था कि प्रसव के बाद उनकी पत्नी का कोई उपचार नहीं किया गया। जिससे नवजात की मृत्यु हो गई।
बेहोश पत्नी को शशि ने दूसरे अस्पताल में ले जाने की कहा। वह पत्नी को अस्पताल लेकर गए, वहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। संजीव के अनुसार उन्होंने शशि के जानकारी की तो पता चला कि उसके पास डाक्टर की वैद्य डिग्री नहीं है। क्लीनिक चलाने के लिए कोई लाइसेंस भी नहीं है।
पुलिस ने आरोपित शशि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था। आरोपित ने पुलिस को दिए अपने बयान में स्वीकार किया था कि उसने ग्वालियर से बीएससी नर्सिंग की शिक्षा प्राप्त की है। वह प्रसव कराने के लिए अधिकृत नहीं है। ना ही उसके पास क्लीनिक चलाने के लिए कोई लाइसेंस है। जिला जज ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपित की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज करने के आदेश किए।
पाक्सो एक्ट में गवाही से मुकरने पर वादी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश
नाबालिग से छेड़छाड़ व पाक्सो एक्ट के आरोपित को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश किए। वहीं गवाही से मुकरने पर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कुलदीप कुमार ने वादी के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज कर विधिक कार्यवाही के आदेश किए।
शमसाबाद थाने में 20 अप्रैल 2017 को प्रताप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। उस पर खेत पर भाई के साथ जा रही किशोरी के साथ छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया गया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियाेजन ने वादी, उसके पुत्र, पीड़िता व पुलिसकर्मी को गवाही के लिए पेश किया। वादी अदालत में अपने पूर्व बयान से मुकर गया।