मथुरा में गजब मामला सामने आया है। आयकर विभाग ने एक रिक्शा चालक को साढ़े तीन करोड़ रुपये का नोटिस दिया है। रिक्शा चालक नोटिस की जानकारी होने के बाद सीधे थाना हाइवे पहुंचा। जहां उसने मामले की जांच कराए जाने की मांग करते हुए बताया कि वर्ष 2018 में उसने पैन कार्ड बनवाने को आवेदन किया था, उसकी तो इतनी कमाई भी नहीं है, जितने का नोटिस आ गया है। साथ ही लोगों में आयकर विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर शहर में तरह-तरह की चर्चा है। उधर, पीड़ित ने थाना हाइवे में जालसाजी को लेकर शिकायत दर्ज कराई है।
शहर की अमर कालोनी भागलपुर निवासी प्रताप सिंह पुत्र कमल सिंह को 19 अक्तूबर को आयकर विभाग से एक नोटिस मिला। जिसमें उससे 3,47,54,896 रुपये आयकर के रूप में जमा करने को कहा गया है। नोटिस के अनुसार उसने जीएसटी नंबर लेकर व्यवसाय किया, जिसमें उसका 2018-2019 का उसका टर्नओवर 43,44,36,201 रुपये का है। प्रताप सिंह ने बताया कि ना तो उसका कोई पैतृक व्यवसाय है और ना ही आज तक उसने अपना कोई व्यवसाय किया है। वह मूल रूप से अडींग (गोवर्धन) के पास का रहने वाला है। वर्ष 1997 से अमर कालोनी में रह रहा है। पहले टोंटी फैक्ट्री में मजदूरी करता था और अब रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहा है।
प्रताप सिंह ने बताया कि 15 मार्च 1918 को उसने जन सुविधा केंद्र पर अपने पैन कार्ड के लिए आवेदन किया था। आवेदन करने के बाद उसे काफी समय तक न कार्ड नहीं मिला। वह जन सुविधा केंद्र पर पहुंचा, जहां उसे बताया गया कि कोरियर से पैन कार्ड भेज दिया गया है। एक साइबर कैफे से जानकारी हुई कि पैन कार्ड 31 मार्च 2018 को बन चुका है। उसने रंगीन पैन कार्ड निकाल कर मुझे दे दिया। पीड़ित ने बताया कि वह आयकर कार्यालय भी गया था। जहां उसे बताया गया कि किसी ने उसके साथ जालसाजी कर दी है। जिसके बाद पीड़ित थाना हाइवे पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई। थाना हाइवे प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार ने बताया कि इनकम टैक्स कार्यालय से सोमवार को जानकारी की जाएगी क्योंकि कल रविवार की वजह से अवकाश था। समस्त जानकारी जुटाने के बाद ही मामला दर्ज किया जाएगा।