उप्र सरकार ने आगरा में निर्माणाधीन म्यूजियम का नाम बदलने के छह माह बाद काम शुरू करने को पांच करोड़ रुपये जरूर जारी किए थे, लेकिन इसके बावजूद काम शुरू नहीं हो सका है। यहां 18 माह से काम बंद है। सरकार ने जितने पैसे जारी किए थे, उससे अधिक निर्माण एजेंसी का बकाया था।ताजनगरी में शिल्पग्राम के नजदीक म्यूजियम निर्माणाधीन है। म्यूजियम का काम बजट के अभाव में जनवरी, 2020 से बंद है। सपा सरकार में वर्ष 2016 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का नाम पहले मुगल म्यूजियम था। सितंबर, 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने म्यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद उप्र पर्यटन ने इसके लिए शासनादेश जारी किया था। मार्च के अंत में पांच करोड़ रुपये म्यूजियम के लिए जारी किए गए थे। पांच करोड़ रुपये मिले जरूर, लेकिन म्यूजियम का काम एक पग आगे नहीं बढ़ा है। म्यूजियम का निर्माण कर रही कंपनी का पांच करोड़ रुपये से अधिक का बकाया था।
राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक दिलीप सिंह ने बताया कि शासन को पैसा जारी करने के लिए पत्र भेजा गया है, जिससे कि म्यूजियम का काम पुन: शुरू किया जा सके।
म्यूजियम के यह काम नहीं हो सके
म्यूजियम में मार्बल फ्लोरिंग, वाल क्लेडिंग, साइट डवलपमेंट, विद्युतीकरण, फायर फाइटिंग सिस्टम व लिफ्ट का काम नहीं हो सका है। यहां बेसमेंट, ग्राउंउ फ्लोर व फर्स्ट फ्लोर बनकर तैयार हैं।
म्यूजियम: एक नजर
-पांच जनवरी, 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था शिलान्यास।
-5.9 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है म्यूजियम।
-राजकीय निर्माण निगम ने टाटा प्रोजेक्ट्स को दिया हुआ है निर्माण का जिम्मा।
-प्री-कास्ट टेक्नीक से बन रहा प्रदेश का पहला सरकारी भवन है।
-म्यूजियम की लागत 141.89 करोड़ रुपये आंकी गई थी। जीएसटी लागू होने व काम में विलंब होने से लागत बढ़कर 172 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।