एमजी रोड स्थित विम्स अस्पताल के प्रबंधक, डाक्टर और स्टाफ के खिलाफ हत्या व छेड़छाड़ के आरोप में दर्ज करने काे सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। महिला युवा अधिवक्ता के पिता ने अस्पताल प्रबंधक समेत अन्य के खिलाफ छेड़छाड़ व साजिश के तहत हत्या का आरोप लगाया है। अदालत ने हरीपर्वत थाने से आठ जुलाई को आख्या तलब की है।
घटना इस साल मई की है। सिकंदरा इलाके के रहने वाले पीड़ित ने सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। जिसके अनुसार उन्होंने युवा अधिवक्ता पुत्री को कोरोना संक्रमित होने पर पांच मई को एमजी रोड स्थित विम्स अस्पताल में भती कराया था। पिता का आरोप है कि लाखों रुपये खर्च कराने के बावजूद डाक्टर उनकी बेटी के शरीर का इंफ्केशन दूर नहीं कर सके। गुमराह करने की नीयत से उन्हें यह आश्वासन देते रहे कि आपकी पुत्री शीष्र स्वस्थ हाे जाएगी। उनसे कहा गया कि आप बस रुपयों का इंतजाम करके रखें।
पिता के अनुसार 13 मई को रात को अस्पताल के डाक्टर और स्टाफ द्वारा उनकी बेटी के साथ अश्लील हरकतें की गई। जिसकी जानकारी उनकी बेटी ने अगले दिन अपनी छोटी बहन को दी। साथ ही 15 मई को छोटे भाई के मोबाइल पर मैसेज करके यह जानकारी दी। पुत्र द्वारा पूछताछ करने पर अस्पताल प्रबंधक और डाक्टरों ने ऐसी किसी घटना होने से साफ मना कर दिया। मगर, जब मैसेज दिखाया तो अस्पताल प्रबंधन इसे स्वीकार कर बताया कि उक्त व्यक्ति को नौकरी से निकाल दिया है।
पिता का आरोप है कि पुत्र ने जब मामले की शिकायत प़ुलिस में करने की कहा तो प्रबंधक व अन्य ने अस्पताल की बदनामी होने की बात कही। बेटे को भरोसा दिलाया कि दाेषी व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही का आश्वासन दिया। पिता का आरोप है कि 19 मई की सुबह सोची समझी साजिश के तहत विपक्षीगण द्वारा उनकी बेटी की हत्या कर दी गई। इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने से लेकर एसएसपी के यहां प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मृतका के पिता ने अपने अधिवक्ता राम प्रकाश शर्मा के माध्यम से सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है।