HomeMera Lekh19 दिसंबर : गोवा मुक्ति दिवस की रोचक कहानी . . .

19 दिसंबर : गोवा मुक्ति दिवस की रोचक कहानी . . .

15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के साथ देश के सारे हिस्से आजाद हो गये लेकिन गोवा पर पुर्तगाली शासन कायम रहा . जवाहरलाल नेहरू ने इस बीच कई बार पुर्तगाल सरकार से गोवा को भारतीय संघ में सौंपने का अनुरोध किया लेकिन लंबे अर्से तक माकूल जवाब नहीं मिलने पर दिसंबर के मध्य में भारतीय सेना ने गोवा में मौजूद पुर्तगाली सेना पर आक्रमण कर दिया और आपरेशन विजय के नाम से तीन दिनों की सैन्य कारवाई के बाद 19 दिसंबर 1961 को गोवा स्वतंत्र होकर भारतीय गणराज्य का केंद्रशासित प्रदेश बन गया . भारत में गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा 1987 में मिला और तब से देश का यह सुंदर राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है . पौराणिक कथा के अनुसार परशुराम गोवा के संस्थापक थे और तपश्चर्या काल में उनके वाणों की वर्षा से समुद्र जब पीछे खिसक गया था तो गोवा की भूमि देश की धरती का हिस्सा बन गयी . यह विस्तृत भूमि गोचारण के लिए प्रसिद्ध थी . गोवा में 70 प्रतिशत हिंदू और 30 प्रतिशत ईसाई हैं और यहाँ का छिछला समुद्रतट संसार में खूबसूरत समुद्रीतट माना जाता है . यहाँ की भाषा कोंकणी है और राजधानी पणजी के अलावा वास्कोडिगामा और मडगाँव यहाँ के सुंदर नगर हैं . गोवा के समुद्र तट पर नारियल के पेड़ों की सुंदरता देखते ही बनती है और यहाँ क्रिसमस की रात में गीत संगीत और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित होते हैं ।

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राजीव कुमार झा

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