बिहार विधान सभा चुनाव 2020 : नयी सरकार का गठन और उसका दायित्व । लोकतंत्र में चुनाव से ही जनता नयी सरकार का गठन करती है और इसमें सरकार को जनमत का प्रतीक कहा जाता है . बिहार में विधान सभा के चुनाव परिणाम सामने आ गये हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को यहाँ स्पष्ट बहुमत मिला है . यह हर्ष की बात है और उम्मीद है कि एक बार फिर यहाँ की मौजूदा सरकार राज्य के विकास के काम में आगे अग्रसर होगी . पिछले डेढ़ दशकों में नीतीश कुमार की सरकार के नेतृत्व में बिहार चतुर्दिक उन्नति के साथ अब देश के विकासशील राज्यों की कोटि में शामिल हो गया है और नयी सरकार को यहाँ कृषि क्षेत्र के विकास के साथ बाढ़ नियंत्रण के सुचारु और कारगर उपाय करने होंगे . इसके अलावा यहाँ नयी सरकार को लड़कियों – महिलाओं की सुरक्षा और उत्थान के उपाय भी करने होंगे . इस चुनाव में महिलाओं ने उत्साह से भाग लिया है और आगामी सरकार को राज्य में बेरोजगारी की समस्या के समाधान पर भी ध्यान देना होगा . इस चुनाव में तेजस्वी यादव की पार्टी राजद सबसे बड़े दल के रूप में फिर उभरकर सामने आयी है और युवा वर्ग के अलावा पिछड़े तबके के लोगों ने इनके प्रति अपना समर्थन प्रकट किया है . लोकतंत्र में विपक्ष को सरकार के कामकाज की निगरानी का अधिकार प्राप्त है और सरकार के कामकाज में समाज के सभी वर्ग के लोगों के कल्याण की भावना का समावेश होना चाहिए .

नीतीश कुमार की सरकार को पिछले पंद्रह सालों के अपने कामकाज के दौरान बिहार में नक्सलवाद और अपराध पर भी नियंत्रण कायम करने में सफलता मिली है . इसके अलावा शिक्षा , चिकित्सा और परिवहन व्यवस्था के आधारभूत व्यवस्था के ढाँचे को भी विकसित करने की दिशा में उल्लेखनीय सफलता मिली है . गठबंधन सरकार के रूप में बिहार की आगामी सरकार को बेहतर तालमेल का अवसर मिला है और इस सरकार को अपने चुनाव घोषणापत्र को अमली जामा पहनाने के काम में अब संलग्न होना होगा . अपनी नयी राज्य सरकार से बिहारवासियों की ये सबसे बड़ी आकांक्षा है ।

बिहार एक पिछड़ा राज्य है और इसके पुराने ढ़ाँचे में बदलाव की जरूरत है . इसमें अब कोई दो राय नहीं है कि यहाँ लालू प्रसाद के दौर में फैली अराजकता और कुशासन का खात्मा हो चुका है लेकिन इसके पहले की राज्य सरकार के कार्यकाल में भी विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है . इसके साथ जातीय पूर्वाग्रहों से रहित प्रशासन को सुचारू और प्रभावी बनाना नयी सरकार की निगरानी में प्रमुख रूप से शामिल होना चाहिए .

बिहार विधान सभा चुनाव 2020 के चुनाव परिणामों ने प्रदेश की राजनीति में सत्ता के दो वैकल्पिक केंद्र के रूप में राजद और भाजपा को आमने सामने ला खड़ा किया है और आने वाले समय में नीतीश कुमार को भी ऐसे में जदयू के संगठनात्मक ढाँचे को मजबूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए . फिलहाल नीतीश कुमार किंग मेकर नहीं बल्कि आनरेरी किंग के रूप में देखे जा रहे है और यह खिताब उन्हें भाजपा से पहले राजद ने भी प्रदान किया है . यह उनका सबसे बड़ा सम्मान और सौभाग्य कहा जा सकता है और इसके मूल में सुशासन बाबू के रूप में जनता के बीच उनकी विश्वसनीय छवि रही है जिसकी बुनियाद पर इस विधानसभा चुनाव में राजग ने यह महत्वपूर्ण जीत दर्ज की है . नीतीश कुमार सचमुच बिहार के सर्वमान्य नेता हैं .

राजीव कुमार झा

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