स्कूल 19 अक्टूबर से खुल रहे हैं, लिहाजा स्टैंडर्ड ओपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। अभिभावकों की अनुमति के बिना विद्यार्थियों को स्कूल न आने दिया जाए। नियमों में किसी भी तरह की ढ़िलाई या लापरवाही पर स्कूल प्रधानाचार्य के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक भी जिम्मेदार होंगे। यह निर्देश गुरुवार को हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने दिए।प्रदेशभर के शिक्षाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्होंने शासन और शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए। सबसे ज्यादा जोर अभिभावकों की अनुमति पर रहा। स्कूलों में सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को प्रवेश देने के निर्देश दिए, जिनके अभिभावक लिखित में अनुमति देंगे। बिना अनुमति किसी विद्यार्थी को स्कूल में नहीं आने दिया जाए। स्कूल, किसी भी अभिभावक पर परीक्षा आदि का दबाव बनाकर विद्यार्थियों को स्कूल नहीं बुलाएंगे। आनलाइन कक्षाएं पहले की तरह नियमित व अनिवार्य रूप से चलाई जाएंगी। स्कूल में सभी विद्यार्थियों की नियमित थर्मल स्क्रीनिंग व हाथ सैनिटाइज कराए जाएंगे। स्कूल व कक्षा में शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन किया जाए। अधिकतम तीन घंटे की ही कक्षा लगाई जाए और प्रयोगात्मक विषयों को पढ़ाने पर जोर रहे। बैठक में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल व सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक सुभाष बाबू गौतम शामिल हुए।