ओडिसा के नक्सली इलाकों से बड़े पैमाने पर गांजा तस्करी हो रही है। वहां जंगलों से गांजा सस्ते दामों में लाकर तस्कर यहां ऊंची कीमत पर बेचते हैं। शुक्रवार को सिकंदरा क्षेत्र में गिरफ्तार हुए तस्करों से एसटीएफ ने पूरे नेटवर्क के बारे में पूछताछ की। गिरफ्तार तस्कर लंबे समय से इस काले कारोबार में लगे हैं। एसटीएफ अब गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। एसटीएफ ने शुक्रवार देर रात टैंकर से गांजा तस्करी का खेल पकड़ा था। 505 किग्रा गांजा बरामद कर बरहन के कुरगंवा निवासी प्रशांत कुशवाह, भरतपुर के रामेश्वर मीणा और रघुवेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछताछ में पता चला कि सभी छह वर्ष से गांजा तस्करी कर रहे थे। टैंकर से करीब दस बार वे ओडिसा से गांजा आगरा और मथुरा के लिए ला चुके हैं। इससे पहले ट्रक में गांजा लेकर आते थे। तस्करों ने बताया कि वे इस बार टीटलागढ़ के जंगल से काना कूरा नाम के व्यक्ति से गांजा लेकर आए थे। यह गांजा मथुरा में रविंद्र और ध्रुव चौधरी के पास पहुंचाना था। इससे पहले कई बार नक्सली इलाकों से भी वे गांजा लाए हैं। वहां से दो हजार रुपये प्रति किग्रा की रेट से गांजा आया था। यह मथुरा में 10 से 20 हजार रुपये प्रति किग्रा की दर से बेचा जाना था। एटीएफ अब मथुरा में गांजा मंगाने वाले दोनों युवकों की तलाश में दबिश दे रही है। एसटीएफ सूत्रों का कहना कि गांजा ओडिसा के नक्सली इलाकों से यहां लाया जा रहा है। इससे पहले भी एसटीएफ आठ सौ किग्रा से अधिक गांजा तस्करों से बरामद कर चुकी है। यह ओडिसा के अड़वा से लाया गया था।