बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लेक्चरर डॉ. कफील खान की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत निरुद्धि मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट से रद होने के बाद उन्हें देर रात करीब 12.15 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। विशेष केस को देखते हुए प्रशासन की ओर से यह फैसला लिया गया। अलीगढ़ डीएम चंद्रभूषण सिंह का आदेश मथुरा जेल में शाम तक नहीं पहुंच सका था, इस कारण रिहाई में थोड़ी देर हुई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के मामले में वह 29 जनवरी, 2020 से मथुरा जेल में बंद थे।
मथुरा जेल रिहाई के बाद डॉ. कफील ने कहा कि सभी का धन्यवाद, जिन्होंने मेरा साथ दिया। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ड्रामा करके एक झूठा और बेबुनियाद केस बनाया, जिसके तहत मुझे आठ महीने तक जेल में प्रताड़ित किया गया।उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें पांच दिन तक खाना-पानी नहीं दिया गया। प्रताड़ित किया जाता था। यूपी पुलिस पर तंज कसते हुए डॉ. कफील खान ने कहा कि वह यूपी एसटीएफ को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने मुंबई से यहां लाते वक्त मेरा एनकाउंटर नहीं किया। उन्होंने आशंका जताई है कि यूपी सरकार उन्हें किसी और मामले में फंसा सकती है।