शहरी क्षेत्र में चार सौ से ज्यादा मीट विक्रेताओं की दुकान संचालित हैं, लेकिन विभाग के पास करीब चालीस का ही रिकॉर्ड है। इसके बाद भी विभाग अधूरे दस्तावेज व मानकों पर लाइसेंस जारी करता रहा।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के अधिकारियों ने लाइसेंस जारी करने में काफी अनियमितताएं बरती गई। बिना मानक पूरा किए लाइसेंस जारी कर दिए। कुछ लोगों ने गलत दस्तावेज लगाकर लाइसेंस ले लिया। इन मामलों की शिकायत प्रशासन तक पहुंची, तो एफएसडीए विभाग में हडकंप मच गया। ऐसे में मानकों को पूरा न करने वाले मीट विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं। जिला अभिहित अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने इकबाल कुरैशी, शफीक अहमद, शान, अमीन और शकरू के लाइसेंस निलंबित भी किए हैं। इसके अलावा अन्य खाद्य सामग्री विक्रेताओं के भी लाइसेंस निलंबित किए हैं एफएसडीए विभाग से लाइसेंस लेने की प्रक्रिया फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर पूर्ण रूप ऑनलाइन हैं। विक्रेता ऑनलाइन आवेदन करता है। जिसको जिला अभिहित अधिकारी व खाद्य अधिकारी अपनी लॉग इन आइडी से चेक करके जारी करते हैं।विक्रेता का ऑनलाइन दस्तावेज दर्ज करता है। लाइसेंस जारी करने से पहले स्थल का भौतिक निरीक्षण नहीं किया जाता। महीनों बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी वहां पहुंचते हैं। अधूरे मानक पाए जाने पर लाइसेंस निलंबित नहीं किया जाता। लेनदेन में मामला रफा-दफा हो जाता है। इन मामलों की शिकायत प्रशासन तक पहुंची, तो एफएसडीए विभाग में हडकंप मच गया।