“शिकायत है”
राम को रहीम से और
रहीम को राम से
शिकायत है।
होनी भी चाहिए क्योंकि
ये दोनों बरसों-बरस के
साथी रहे हैं।
ऐसे साथी जिनको एक-दूसरे से
अलग कर पाना मुश्क़िल है।
उतना ही मुश्क़िल, जितना
ख़ुद को ख़ुद से अलग करना।मगर आज राम ने
रहीम को, रहीम न कहकर
मुसलमान कह दिया और
रहीम भी उसको हिंदू कहते
हुए दूसरी तरफ जाकर बैठ गया है।
अब दोनों इस बात को सोच रहे हैं
कि हम दोनों को आख़िर हिंदु-मुसलमान
किसने बना दिया, हम तो
बरसों से केवल राम और रहीम थे।