चलो आज स्वतंत्रता दिवस मनाते है
सारी उलझनों से आज हम आजाद हो जाते है
एक नई सोच नई उमंग के साथ कुछ नया क़िरदार निभाते है
अपनी उलझी सोच को थोड़ा सुलझाते है
चलो स्वतंत्रता दिवस मनाते है
मुश्किलें आएंगी बहुत मंजिल तक पहुँचने में
हर मुश्किल को आसान बनाते है
चलो स्वतंत्रता दिवस मनाते है
एक परिंदा बन खुले आसमान में थोड़ी गश्त लगाते है
फिर बन मुसाफिर किसी राह में कही दूर तक जाते है
बनकर सहारा एक – दूजे का हम एक हो जाते है
जिसमें भेद -भाव की न हो भावना
हम वो हिन्दुस्तान बनाते है
चलो आज स्वतंत्रता दिवस मनाते है
भाषा की रंगोली से सजता है मेरे देश का हर एक कोना
नदियों पहाड़ों और हरियाली में जगमगाता से रोज़ सवेरा
जो दूर है अपनों से देश की खातिर जवान
उनका दिल से आभार जताते है
चलो आज स्वतंत्रता दिवस मनाते है