पुरातत्वविदों के अनुसार मनकठा के चौकी गाँव में यहाँ शिव मंदिर की स्थापना आठवीं शताब्दी ईस्वी सन् में बंगाल के तत्कालीन पालवंशीय राजाओं के द्वारा की गयी थी और बारहवीं शताब्दी ई . सन् में तुर्क आक्रमण से संभवत: इसका विध्वंश हो गया था।
यहाँ प्राचीन मंदिर के भूगर्भीय पुरावशेषों के उजागर होने के बाद 1993 में जगन्नाथपुरी के शंकराचार्य की उपस्थिति में एक नये शिव मंदिर का निर्माण जन सहयोग से शुरू किया गया और अब यहाँ शिव मंदिर के अलावा पार्वती मंदिर और दुर्गा मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है . इसके अलावा सुंदर नंदी मंडप भी यहाँ स्थापित किया गया है। यह मंदिर इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और बिहार में अशोक धाम के नाम से भी लोग इसे पुकारते हैं।
इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के आसपास का इलाका अपनी सुंदरता से सबको आनंदित करता है . यहाँ के हरे भरे बाग बगीचे खेत खलिहानों में फैली प्रकृति की नैसर्गिक सुंदरता यहाँ आने वाले तमाम लोगों के मन को शांति से भर देती है।