हमारे देश के दूरदराज के सभी इलाकों में वहाँ के जनजीवन और धर्मप्राण लोकमानस की आस्था के केन्द्र में विभिन्न देवी देवताओं के ऐसे अनेक मंदिर सदियों से पूजा अर्चना के ऐसे पावन स्थल हैं जहाँ किसी अंचल के आसपास के निवासियों के अलावा दूसरे इलाकों से भी रोज काफी श्रद्धालुगणों का आगमन होता रहता है . बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया में स्थित बाला त्रिपुरसुंदरी मंदिर की चर्चा इस प्रसंग में समीचीन है . यह एक पुराना धर्मस्थल है और यह जगदंबा स्थान के नाम से भी प्रसिद्ध है . इस मंदिर के बारे में जनश्रुति है कि यहाँ देवी बाला त्रिपुरसुंदरी अपने अनन्य साधक श्रीधर ओझा की असीम साधना से हुआ और ज्योतिका रूप में गंगा की धारा में यहाँ माता जगदंबा का अवतरण हुआ था . यहाँ श्रीधर ओझा के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे एक बाल ब्रह्मचारी थे और कश्मीर के वैष्णोदेवी में भी उन्होंने तपस्या साधना की थी और फिर वापस अपने गाँव बड़हिया लौटकर वे यहाँ गंगा के पावनतट पर रहने लगे थे और यहाँ उनकी प्रेम भक्ति से प्रसन्न होकर देवी बाला त्रिपुरसुंदरी ने उन्हें दर्शन दिया था . यहाँ के मंदिर में मृत्तिकापिंड के रूप में माता जगदंबा की पूजा अर्चना होती है और यहाँ श्रीधर ओझि की समाधि भी है . इस मंदिर के प्रांगण की उत्तरी दिशा में एक गहरा कुआँ भी स्थित है जिसके जल को सर्पदंश की पीड़ा और संकट में निर्मल और जीवनदायी माना जाता है . हरेक साल नवरात्र के अवसर पर बाला त्रिपुरसुंदरी मंदिर में भक्तों की अपार भीड़ एकत्रित होती है और कार्तिक और सावन महीने में भी यहाँ काफी लोग आते हैं . कुछ साल पहले यहाँ इस मंदिर का जीर्णोद्धार भी किया गया है और संगमरमर की शिलापट्टिकाओं से मंदिर को सुसज्जित किया गया है . इस मंदिर के गर्भगृह का चाँदी का बना पुराना चौखट और मंदिर के शिखर पर स्थित स्वर्णकलश की सुंदरता और आलोक यहाँ आने वाले दर्शनार्थियों के मन को आह्लाद और आनंद से भर देते हैं . बड़हिया का बाला त्रिपुरसुंदरी मंदिर में धार्मिक कार्य बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद की देखरेख में संचालित है और मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा यहाँ दूरदराज के श्रद्धालुओं के लिए भक्त श्रीधर सेवाश्रम के नाम से एक सुंदर और विशाल धर्मशाला का निर्माण किया गया है . यहाँ तीर्थयात्रियों के ठहरने की सुविधा के अलावा मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा संत महात्माओं के प्रवचन भी नियमित रूप से आयोजित होते हैं . बाला त्रिपुर सुंदरी का मंदिर सबके लिए दर्शनीय है . . .
राजीव कुमार झा