बच्चों-किशोरों में ऑनलाइन गेमिंग के प्रति जबरदस्त क्रेज होता है, लेकिन गेम्स में पैसे जीतने जैसी बात शामिल हो जाए, तो गेम गैंबलिंग यानी जुए में बदल जाता है और इन दिनों इस तरह की गैंबलिंग की बाढ़ आई हुई है। ऑनलाइन गेमिंग और पैसे कमाने के प्रलोभन की आड़ में जुए को प्रोत्साहित करना बच्चों-किशोरों की जिंदगी बर्बाद कर सकता है। आइए जानें, कैसे इनकी चपेट में आने से बचा जा सकता है…
आज के दौर में अगर आप चाहें भी तो बच्चों को पूरी तरह से ऑनलाइन गेम से दूर नहीं रख सकते। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान बच्चों का झुकाव इन गेम्स के प्रति और ज्यादा बढ़ा है, लेकिन अब खतरा सिर्फ ऑनलाइन गेमिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी आड़ में गैंबलिंग यानी जुए का गेम भी खेला जा रहा है, जो किशोरों की जिंदगी को बर्बाद कर सकता है। इसके लिए लूडो, कैंडी क्रश, तीन पत्ती, पोकर आदि जैसे गेम्स की मदद ली जा रही है। आप सभी ने टीवी पर भी इन्हें प्रचारित-प्रसारित करने वाले विज्ञापन जरूर देखे होंगे। इस तरह के गेम्स को प्रोत्साहित करने के आरोप में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया के खिलाफ पिछले दिनों मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें ऑनलाइन जुए (गैंबलिंग) को बैन करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। इतना ही नहीं, गैंबलिंग की श्रेणी में आने वाले ऑनलाइन गैंबलिंग गेम्स की तुलना ब्लू व्हेल गेम तक से की जा रही है, जिसके कारण कई किशोरों-युवाओं की जान चली गई थी।