ज्योति पासवान जी हां ये वो नाम है जो आज से महज़ 3 महीने पहले लॉकडाउन में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की बेटी इवांका के ट्विटर हैंडल पर चमका था और अपने बीमार पिता को गुरुग्राम से लेकर लगभग 1200 किलोमीटर दरभंगा बिहार तक साइकिल चलाकर पहुँची थी।
इनाम की बौछारें ही बौछारें राजनेताओं और समाज सेवकों का जमवाड़ा लगा हुआ था! लेकिन अब चारो तरफ सन्नाटा छाया हुआ है?
पूरा मीडिया, आईटी सेल उसके पीछे लगा उस की वाह वाही चल रही थी। सांसद, विधायकों का तो मानो पूरा मजमा लग गया था। उस बच्ची के पीछे, हर कोई उसे अपने पार्टी के झंडे के नीचे लाना चाहते थे और उसका कारनामा भी काबिले तारीफ़ था। सरकार की सबसे बड़ी विफलता में उसने अपने जीवन की सबसे बड़ी सफलता हासिल की थी।
अब 3 महीने बाद फिर से दरभंगा चलते है और नाम भी वही है ज्योति पासवान
आज किसी रिटायर्ड फ़ौजी अर्जुन मिश्रा के हवस की शिकार हुई 15 साल की ज्योति पासवान क्यों? क्योंकि ज्योति उस अर्जुन मिश्रा के बगीचे में आम चुनने के लिए गई थी और ये बात एक सामंतवादी दिमाग़ को इतना ठेस पहुंचा गया कि उस अर्जुन मिश्रा ने अपने पत्नी के सामने ही पहले उस 15 साल की बच्ची के साथ उल्टा सीधा किया और फिर हंसिए से गले को रेत दिया!
और ये एक अख़बार के छोटे से कोने की खबर बनकर रह गई! ना तो सोशल मीडिया पर इस के लिए वाले हैशटैग का सैलाब आया, और ना धार्मिक उन्माद फैलाने वाली गोदी मिडिया का कोई सनसनीखेज रिपोर्ट!
आज कल तो हमारे देश की महान मीडिया अब कुछ दिन बस लेह और लद्दाख के ट्रिप पर ही