केरल में सरकार और वन्यजीव विभाग के साथ कुछ भी नहीं किया जा सकता है। वे कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। लगभग 600 हाथियों को मंदिरों द्वारा उनके पैरों को तोड़कर, उनकी पिटाई और भूख से मरना और अन्यथा निजी मालिकों द्वारा उनका बीमा करके उन्हें मारना और फिर जानबूझकर उन्हें डूबाना या उन पर जंग लगा नाखून देकर गैंगरीन कर देना है। मैं लगभग हर हफ्ते विभाग से एक हाथी या दूसरे के बारे में बात करती हूं और वे बिल्कुल कुछ नहीं करते हैं। वर्तमान में एक युवा हाथी है जिसे एक मंदिर में पीटा जा रहा है और उसके पैरों को फैलाकर चार दिशाओं में जमीन से बांध दिया गया है। मुझे शिकायत किए हुए एक महीना हो चुका है और कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वह भी जल्द ही मर जाएगा। मल्लापुरम अपनी गहन आपराधिक गतिविधि के लिए विशेष रूप से जानवरों के संबंध में जाना जाता है। एक भी शिकारी या वन्यजीव हत्यारे के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए वे ऐसा करते रहते हैं। मैं केवल सुझाव दे सकती हूं। आप भी उनको कॉल अथवा ईमेल के माध्यम से कार्यवाई के लिए कहें।’