मंदिरों में फिर से गूंजेगे जयघोष, मस्जिदों में होगी इबादत, चर्चों में प्रभु यीशु का होगा गुणगान। सभी जगह 75 दिन बाद आठ जून को टूट जाएगा सन्नाटा। अपने-अपने आराध्य के दर्शन को सभी बेताब हैं। कोरोना से बचाव के लिए सभी धर्मस्थलों पर अपने-अपने स्तर पर विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। गुरुद्वारा गुरु का ताल पर अभी लाकडाउन वाली व्यवस्था ही रहेगी। उसे अभी आमजनों के लिए नहीं खोला जाएगा। अन्य सभी मंदिरों के पट शासन-प्रशासन के नियमों के अनुसार खोल दिए जाएंगे। इस दौरान मंदिर प्रशासन की ओर से खास व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं। 25 मार्च से लाकडाउन के दौरान सभी धर्म स्थलों को बंद कर दिया गया था। वहां उपासकों द्वारा ही पूजा की जा रही थी। बहुत से लोग चुपचाप भोर की किरणों के उदय होने से पहले ही मंदिरों के दरवाजों पर दीप जला आते थे। जिन स्थलों पर सुबह-शाम भीड़ रहती थी, वहां सन्नाटा छाया रहा। अब शासन-प्रशासन द्वारा आठ जून को धर्म स्थलों को खोले जाने की अनुमति दे दी गई है। जिससे सभी ने अपने धर्म स्थलों पर विशेष व्यवस्थाएं की हैं। मंदिरों को पूरी तरह सेनिटाइज के बाद ही खोला जाएगा। बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। शारीरिक दूरी का भी विशेष ख्याल रखा जाएगा। इंद्रपुरी देवी मंदिर, न्यू आगरा में मंदिर के बाहर ही सेनिटाइज की व्यवस्था रहेगी। व्यवस्थापक विवेक अग्रवाल ने बताया कि बिना मास्क के प्रवेश वर्जित रहेगा। मंदिर में बार-बार सेनिटाइज किया जाएगा। इसी प्रकाऱ शहजादी मंडी में सनातन धर्म मंदिर के व्यवस्थापक ललित कुकरेजा के अनुसार मंदिर में सेनिटाइजर मशीन मंगा ली गई है, जिसका उपयोग निरंतर किया जा रहा है।